सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस टीम ने डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है. इस गिरोह ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर दिल्ली के एक डॉक्टर को धमकाया और 14.85 लाख रुपये की ठगी कर ली.
चौंकाने वाली इस साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को बंगलुरु और कोलकाता से गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान, मोहम्मद साहिन खान (30 वर्ष) और बुद्धदेव हाजरा (31 वर्ष) कर रूप में हुई है. ये पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना और बांकुड़ा के रहने वाले हैं. इनके पास से वारदात में प्रयुक्त चार मोबाइल फोन बरामद किया गया है.
दिल्ली के डॉक्टर को डरा-धमका कर ठग लिए 14.85 लाख
डीसीपी निधिन वालसान के मुताबिक, शिकायतकर्ता डॉक्टर ने साइबर पुलिस को दी गयी शिकायत में बताया कि किसी ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर कॉल उन्हें किया और डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर उनसे 14.85 लाख रुपये की ठगी कर ली. शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर साइबर थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गयी.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन सुरेश खुणगा की देखरेख और एसएचओ संदीप पंवार के नेतृत्व में एसआई अनुज तोमर, एएसआई नौरंग, हेड कांस्टेबल सुधीर और कांस्टेबल कृष्णन की विशेष टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान टीम को पता चला कि ठगी की रकम दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी, जिसमें से एक बैंक खाता S.K. Rice Wholesaler & Trading नाम से संचालित किया जा रहा था.
बंगलुरु और कोलकाता से पकड़े गए आरोपी
टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और डिजिटल ट्रेल के जरिए एक आरोपी मोहम्मद साहिन खान को बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल के पास से दबोच लिया. पूछताछ में मोहम्मद साहिन ने बताया कि उसने अपने बैंक खाते की इंटरनेट यूजर आईडी, पासवर्ड, चेक बुक और एटीएम कार्ड पश्चिम बंगाल के रहने वाले बुद्धदेव हाजरा को कमीशन पर दिए थे. इसके बदले उसे 1.5 लाख रुपये मिले थे. आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर कोलकाता से बुद्धदेव हाजरा को भी गिरफ्तार कर लिया.
एमबीए पास आरोपी कमीशन पर करता था खातों के इंतेजाम
पूछताछ में आरोपी बुद्धदेव हाजरा ने बताया कि वह एमबीए पास है और पहले बैंकों के लोन डिपार्टमेंट में काम करता था. बाद में वह बैरकपुर के जॉन नाम के शख्स के संपर्क में आया, जिसके प्रभाव में आकर उसने ऑनलाइन ठगी के लिए कमीशन पर कॉर्पोरेट बैंक खातों की व्यवस्था करने लगा. जिसके माध्यम से इस साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था.
जांच में पता चला है कि जिन बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर की गई थी, वे महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में दर्ज 10 अन्य साइबर अपराधों से भी जुड़े हुए हैं. सभी में ठगी का एक जैसा तरीका अपनाया गया था. पुलिस इस मामले में आगे की जांच में जुट कर इस गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड जॉन की तलाश में जुट गयी है.
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