हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरियों को ट्रेनी आधार पर देने के सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा राष्ट्रीय कार्यपरिषद सदस्य और कांगड़ा विधायक पवन काजल ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। काजल ने कहा कि नई व्यवस्था में ट्रेनी कर्मचारियों को न तो सरकारी कर्मचारी माना जाएगा और न ही उन्हें सरकारी कर्मियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। दो साल की ट्रेनी अवधि के बाद नियमित होने के लिए परीक्षा पास करनी होगी। उन्होंने इसे बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ बताया। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम विधायक ने आरोप लगाया कि पिछले अढ़ाई साल से कांग्रेस सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम रही है। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन पूर्व भाजपा शासन में शुरू की गई भर्तियां भी पूरी नहीं हो पाई हैं। मानसून सत्र में होगा विरोध काजल ने कहा कि भाजपा इस युवा विरोधी फैसले का विधानसभा के मानसून सत्र में कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे निजी क्षेत्र और स्वरोजगार की ओर रुख करें। क्योंकि आउटसोर्स और शर्तों वाली नौकरियां भविष्य नहीं संवार सकतीं। यह बयान उन्होंने भड़ियाडा में आयोजित तीन दिवसीय बाबा कल्याण दास क्लब एवं शिव शक्ति युवा क्लब के खेल मेले के समापन पर दिया। इस अवसर पर उन्होंने 31 हजार रुपए और एक कबड्डी मैट देने का आश्वासन दिया।
कांगड़ा में भाजपा MLA का जॉब ट्रेनी योजना का विरोध:बोले-बेरोजगारों के साथ धोखा, पक्का होने के लिए दो साल बाद परीक्षा की शर्त
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