आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने संसद के आगामी मानसून सत्र को लेकर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में कई राजनीतिक दल हैं, तो कुछ क्षेत्रीय सवाल होते हैं और कुछ राष्ट्र के समेकित सवाल होते हैं. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के दर्द को हम नहीं भूल सकते और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. उस पर चर्चा होनी चाहिए.
‘संसद को एक स्वर में जवाब देना चाहिए’
न्यूज ऐजंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि “यह केवल किसी पार्टी विशेष पर हमले का मामला नहीं है, यह देश की प्रतिष्ठा और सुरक्षा का मामला है. इस पर खुली, निष्पक्ष और गंभीर चर्चा होनी चाहिए. भारत कभी किसी वैश्विक शक्ति के आगे नहीं झुका. आज भी अगर अमेरिका जैसे देश का राष्ट्रपति भारत के बारे में निराधार बयान देता है, तो संसद को एक स्वर में जवाब देना चाहिए.
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को दुनिया का सरपंच बनने की बड़ी जल्दी है. दरअसल, उन्होंने तो खुद ही ऐलान भी कर दिया है. शायद गिनना मुश्किल है कि उन्होंने कितनी बार कहा है कि मैंने रोका ना होता तो परमाणु युद्ध हो जाता. शायद उन्होंने 24-25 बार कहा होगा. अब जवाबी कार्रवाई का समय है, संदेश देने का समय है.
#WATCH दिल्ली: RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “विपक्ष में कई राजनीतिक दल हैं, तो कुछ क्षेत्रीय सवाल होते हैं और कुछ राष्ट्र के समेकित सवाल होते हैं। पहलगाम की सामूहिक पीड़ा, फेलियर कहां था, कैसे हुआ? फिर ऑपरेशन सिंदूर…फिर वैश्विक पटल पर हम मित्र विहिन क्यों दिखे? यह सभी सवाल… pic.twitter.com/49ya9WyKCx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2025
आरोप-प्रत्यारोप का मंच नहीं होना चाहिए संसद- मनोज झा
उन्होंने ये भी कहा कि “यह सत्र केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मंच नहीं होना चाहिए. बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि के बारे में गंभीर और ईमानदार चर्चा होनी चाहिए. संसद का उद्देश्य सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी जगह है जहां देश की जनता की तकलीफ, उनकी समस्याओं से जुड़े सवालों पर चर्चा होनी चाहिए.
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