फतेहाबाद जिले के भूना शहर में घुसे बारिश के पानी ने लोगों की जिंदगी बेहाल कर दी है। वार्ड नंबर 13 की गलियों में तो ऐसी स्थिति है कि गली से कोई गाड़ी गुजरे तो लोग सहम जाते हैं। क्योंकि यहां गली में भरा गंदा पानी सीधा घरों में घुस जाता है। गली निवासियों ने घरों के आगे मिट्टी से भरकर कट्टे रखे हुए हैं। जो ढाल बने हुए हैं। गली में घुटनों से ऊपर तक पानी है। लोगों के पास जलभराव खत्म होने का इंतजार करने के अतिरिक्त कोई समाधान नहीं है। जिन घरों के बाहर कट्टे नहीं लगे, वहां कमरों तक पानी घुस चुका है। लोग बेहाल हैं। बड़े प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ मीटिंग करके लौट रहे हैं, तो छोटे कर्मचारी मुख्य रास्तों पर पानी निकलवाने में लगे हैं। आखिरी छोर तक फंसे लोगों तक प्रशासन की पहुंच नहीं हो रही है। गौरतलब है कि 31 अगस्त, 1 व 2 सितंबर को तीन दिन में भूना में करीब 250 एमएम बारिश हुई है। इससे आसपास के गांवों और शहर में जलभराव हुआ। गांवों के खेतों से निकला पानी शहर की कई कॉलोनियों में घुस चुका है। घर में थी फैक्ट्री, चारों तरफ भर गया पानी वार्ड नंबर-13 में शीशराम ने घर में ही खाद्य पदार्थों की फैक्ट्री बना रखी है। इस फैक्ट्री में पानी भर गया। सामान खराब हो गया। भट्टियां तक खराब हो चुकी हैं। दो दिन में ही उसे डेढ़ लाख रुपए से अधिक का नुकसान हो गया। शीशराम कहते हैं कि उन्हें कोई उम्मीद ही नजर नहीं आ रही है कि पानी जल्दी खत्म हो जाएगा और उनका जीवन सामान्य हो जाएगा। लोग बोले- सब राम भरोसे छोड़ रखा स्थानीय लोग बताते हैं कि वार्ड नंबर-13 के अधिकांश घरों के बाहर और अंदर पानी ही पानी भरा है। बीईओ ऑफिस के पास बनी कॉलोनी में तीन दिन से पानी भरा है। भूना नंबर वन स्कूल के पास तीन दिन से पानी नहीं उतरा है। कुछ घरों में तो खाने-पीने की सुविधा भी नहीं है। आटा तक भीग गया। किसी के घर में 10 दिन का बच्चा है, तो किसी के छोटे-छोटे मासूम बच्चे गलियों में निकलने से भी डर रहे हैं। अपना मकान खाली कर रिश्तेदारी में गए चंदन नगर की गलियों में भी 3 फुट तक पानी भरा हुआ है। जिन लोगों के पास संसाधन पर्याप्त नहीं है। वह अपना मकान खाली करके रिश्तेदारियों में जाने लगे हैं। चंदन नगर में रहने वाले सावन सिंह और ज्योति अपने छोटे-छोटे तीन मासूम बच्चों के साथ रह रहे थे। पानी भरने के बाद अब ये भूना छोड़कर फतेहाबाद रिश्तेदारी में चले गए हैं। साल 2022 में दोगुना भरा था पानी, फिर भी सबक नहीं लिया शहरवासी अरुण कुमार कहते हैं कि सितंबर 2022 में भूना में इससे भी दोगुना पानी भरा था। उस समय सैकड़ों लोगों की दुकानों, घरों में पानी भर गया था। अनाज मंडी में ही करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। मगर, प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। उस समय प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों से लेकर विधायकों तक ने दौरा किया। फिर भी प्रशासन की नींद नहीं खुली। 30 करोड़ के पाइप लाइन प्रोजेक्ट को अब मिली मंजूरी साल 2022 में हुए जलभराव के बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने ड्रेन तक पाइप लाइन बिछाने के लिए 30 करोड़ रुपए मंजूर किए। पाइप लाइन बिछाने के लिए चार एकड़ में प्रोजेक्ट बनाया गया। मगर, वन विभाग के नियमों के फेर में यह प्रोजेक्ट लटक गया। दो साल तक वन विभाग ने एनओसी ही नहीं दी। पब्लिक हेल्थ विभाग भी आंख बंद करके बैठा रहा। अब तीन महीने पहले डीएमसी संजय बिश्नोई ने इस प्रोजेक्ट को देखा। फिर से प्रक्रिया शुरू की गई। प्रोजेक्ट को चार एकड़ की बजाय अब ढाई एकड़ से कम किया गया है। इसके बाद अब वन विभाग ने एनओसी दी है, तो पाइप लाइन डाले जाने का काम शुरू होगा। मगर, तब तक फिर से लोग जलभराव की मार झेल चुके हैं। पार्षदों में भी राजनीति हावी भूना नगरपालिका की चेयरपर्सन अपर्णा पसरीजा और पार्षदों के बीच राजनीति हावी है। इस संकट की घड़ी में भी यह राजनीति कम नहीं हो रही है। कुछ लोग चेयरपर्सन प्रतिनिधि पंकज पसरीजा के पक्ष में नजर आते हैं, तो कुछ विरोध में। चेयरपर्सन प्रतिनिधि पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वह जलभराव खत्म करवाने में भी पहले जानकारों को तरजीह दे रहे हैं, जबकि गरीब तबके की अनदेखी हो रही है। जानिए… कहां से कहां तक बुरा हाल
भूना में नगरपालिका कार्यालय से थोड़ी ही दूरी पर स्थित शहीद उधम सिंह चौक से पानी ही पानी नजर आता है। पूरे हिसार रोड पर दो से तीन फुट तक पानी भरा हुआ है। साथ लगते इलाकों में भी भारी जलभराव है। पॉश इलाका मॉडल टाउन भी जलमग्न है। वार्ड नंबर 11, 12, 13 व 14 में स्थिति खराब है। लोग स्वयं ही एक-दूसरे की मदद करके काम चला रहे हैं।
गली से कोई गाड़ी गुजरते ही सहम रहे लोग:भूना में जलभराव से बदहाल जिंदगी, लोग बोले-सब राम भरोसे, आटा तक भीगा
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