हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश आफत बनकर बरस रही है. बरसात के मौसम में जहां जलप्रलय ने मंडी जिला में भारी तबाही मचाई है, वहीं इस आपदा के दौरान मंडी शहरवासियों को काफी समय से पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मजबूरी में लोगों को पीने के पानी के लिये बारिश और पुराने जलस्रोतों के पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जलशक्ति विभाग के युद्धस्तर पर जारी प्रयासों के बावजूद अभी तक शहर में वाटर सप्लाई को सही तरीके से बहाल नहीं किया जा सका है.
जब से बरसात शुरू हुई है तब से लेकर मंडी शहर में पीने के पानी की समस्या विकराल बनी हुई है. हालांकि जलशक्ति विभाग का दावा है कि उनके इंजीनियर और स्टाफ फील्ड में तैनात हैं और जलापूर्ति को बहाल करने में जुटे हुए हैं, लेकिन बरसात के कारण स्लाइडिंग से मेन पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो रही है.
पैसे देकर मंगवाने पड़ रहे टैंकर
लोगों को अपने निजी फंक्शनों के लिये पैसे देकर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं. मंडी शहर के समखेतर वार्ड की नेशनल स्ट्रीट में पीने के पानी की समस्या को लेकर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सुनने को मिली. कई लोगों का कहना है कि तकरीबन एक हफ्ते से एक दिन छोड़कर पानी आ रहा है लेकिन पानी का प्रेशर इतना कम है कि पानी की टंकी नहीं भर पा रही है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एक दिन छोड़कर नॉर्मल प्रेशर के साथ तकरीबन तीन घंटे पानी आ रहा है.
रविनगर वार्ड में कई हफ्तों से नहीं आया पानी
वहीं, जलशक्ति विभाग के शिकायत कक्ष के साथ लगता हुआ रविनगर वार्ड जहां कई हफ्तों से पानी नहीं आने की शिकायत है. बुजुर्ग महिलाओं को प्राचीन जलस्रोतों से पानी लाना पड़ रहा है. इन महिलाओं और पुरूषों का कहना है कि शहर के कई वार्डों में पानी आ रहा है लेकिन रविनगर वार्ड में पिछले कई हफ्तों से उनके घरों के नलों में पानी नहीं आ रहा है, जिसके कारण लोग प्राचीन जलस्रोतों पर निर्भर हो गये हैं. कई लोग विभाग के शिकायत कक्ष में जाकर इस बारे में जानकारी दे चुके हैं लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है.
सिरमौर में NH-707 पर कच्ची ढांग का हिस्सा ढहा
उधर, सिरमौर जिले में नेशनल हाईवे-707 पर कच्ची ढांग का 10 फुट से भी ज्यादा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है और हालात इतने भयावह हैं कि लोगों को अब अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. यह सड़क पांवटा साहिब से शिलाई, गुमा होते हुए शिमला को जोड़ती है. अब इसके ठप होने से हजारों लोग फंस गए हैं. आसपास के 100 से अधिक पंचायतों का संपर्क टूट गया है. बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल ले जाने में भी परेशानी हो रही है.
किसानों पर दोहरी मार
बरसात के बीच अभी सेब और टमाटर का सीजन चल रहा है, लेकिन हाईवे बंद होने से किसान अपनी नगदी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. कई क्विंटल सब्जियां और फल खराब होने की कगार पर हैं. इससे किसानों की मेहनत और कमाई दोनों पर गहरी चोट लग रही है.
हर बरसात में बिगड़ते हैं हालात
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कच्ची ढांग का हिस्सा पिछले पांच वर्षों से लगातार खतरा बना हुआ है. हर बरसात में हालात बिगड़ते हैं लेकिन स्थायी समाधान कभी नहीं हुआ. लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार कब तक उन्हें ऐसे संकटों से जूझना पड़ेगा.
हरकत में प्रशासन
हालात की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार पांवटा मौके पर पहुंच गए हैं और नुकसान का जायजा ले रहे हैं, लेकिन लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर यह है कि सिर्फ निरीक्षण से राहत नहीं मिलेगी, प्रशासन को जल्द स्थायी हल निकालना होगा.
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