IMF बोला- पाकिस्तान ने शर्तें पूरी कीं इसलिए लोन दिया:भारत ने कहा था- पैकेज का इस्तेमाल आतंक में होगा, IMF ने नहीं माना

by Carbonmedia
()

भारत के विरोध के कुछ दिन बाद इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी, IMF ने पाकिस्तान को दिए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का बचाव किया है। IMF ने कहा कि पाकिस्तान ने सभी फंडिंग शर्तों को पूरा किया है जिस वजह से इस पैकेज को मंजूरी दी गई है। 9 मई 2025 को जब इस पैकेज की मंजूरी को लेकर IMF की बोर्ड मीटिंग हो रही थी तो भारत ने कर्ज देने पर आपत्ति जताई थी और वोटिंग में शामिल नहीं हुआ था। भारत ने कहा था- पैकेज पर दोबारा विचार होना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल आतंक को बढ़ावा देने में कर सकता है। हालांकि, IMF ने इसे नहीं माना। IMF के 2.4 बिलियन डॉलर पैकेज में दो कॉम्पोनेंट शामिल 1. एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF): 1.023 अरब डॉलर (करीब 8.76 हजार करोड़ रुपए) की किश्त 14 मई 2025 को पाकिस्तान के स्टेट बैंक को मिली। इससे उसका विदेशी मुद्रा भंडार 10.3 अरब डॉलर (करीब 88 हजार करोड़ रुपए) तक पहुंच गया। EFF का लक्ष्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और भंडार को बढ़ाना है। जून 2025 तक 13.9 अरब डॉलर (करीब 120 हजार करोड़ रुपए) के भंडार का लक्ष्य रखा गया है। 1.023 अरब डॉलर का जो फंड रिलीज किया गया है वो सितंबर 2024 में मंजूर किए गए 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ भारतीय रुपए) के पैकेज का हिस्सा है। इसे 37 महीने में अलग-अलग अंतराल पर दिया जाना है। 1.1 बिलियन डॉलर की पहली किश्त 26 सितंबर 2024 को पैकेज की मंजूरी के तुरंत बाद रिलीज की गई थी। यानी, दो किश्तों में 7 बिलियन डॉलर के EFF में से 2.123 बिलियन डॉलर (करीब 18 हजार करोड़ रुपए) जारी किए जा चुके हैं। 2. रेजिलिएंस एंड सस्टनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF): इसके तहत 9 मई को 1.4 अरब डॉलर की मंजूरी दी गई है। हालांकि, अभी इसे डिस्बर्स नहीं किया गया है। ये पैकेज आपदा प्रतिक्रिया में सुधार करने के साथ स्थायी जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देने जैसे कामों के लिए है। रिव्यू के बाद जारी किया गया लोन लोन देने के लिए IMF ने अपना पहला रिव्यू 9 मई 2025 को पूरा किया था। IMF तीन पैमानों पर इसे करता है… रिव्यू तीन हिस्सों में किया गया: अब कुछ अन्य जरूरी सवालों के जवाब: 1. IMF का एग्जीक्यूटिव बोर्ड क्या करता है? IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो देशों को आर्थिक मदद करती है, सलाह देती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर नजर रखती है। इस संस्था की कोर टीम एग्जीक्यूटिव बोर्ड होता है। यह टीम देखती है कि किस देश को लोन देना है, किन नीतियों को लागू करना है और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे काम करना है। इसमें 24 सदस्य होते हैं जिन्हें कार्यकारी निदेशक कहा जाता है। हर एक सदस्य किसी देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। 2. IMF में कोटे के आधार पर वोटिंग होती है? IMF में 191 सदस्य देश हैं। सबके पास एक-एक वोट का अधिकार है, लेकिन वोट की वैल्यू अलग-अलग है। यह IMF में उस देश को मिले कोटे के आधार पर तय होती है। यानी जितना ज्यादा कोटा, वोट की वैल्यू उतनी ज्यादा। भारत के वोट की वैल्यू करीब 2.75% है। IMF में किसी देश का कोटा कितना होगा ये उसकी आर्थिक स्थिति (जैसे GDP), विदेशी मुद्रा भंडार, व्यापार और आर्थिक स्थिरता से तय होता है। अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा 16.5% है, इसलिए IMF में उसका वोट वीटो की तरह सबसे ताकतवर है। भारत की 2.75% जबकि पाकिस्तान की 0.43% है। 3. फैसला लेने के लिए कितने परसेंट वोट चाहिए? IMF में कोई भी फैसला लेने के लिए 85% वोट की जरूरत होती है। अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 16.5% वोटिंग राइट्स हैं। ऐसे में अगर अमेरिका वोट न करे तो सबका मिलाकर 83.5% वोट ही होगा जो बहुमत के लिए पर्याप्त नहीं है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment