Monsoon News Mumbai: महाराष्ट्र में पिछले 35 सालों के इतिहास में पहली बार मई में मानसून ने दस्तक दी है. मौसम विभाग ने इस बात की पुष्टि की है. आईएमडी की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया कि 1990 में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 20 मई को महाराष्ट्र में दस्तक दी थी. अगले कुछ दिनों में मुंबई में तेज बारिश के साथ पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने मुंबई और आसपास के इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है.
लोगों से सतर्कता बरतने की अपील
फिलहाल, मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और पालघर जैसे तटीय जिलों के लिए चेतावनी जारी की है. जहाँ पर समुद्री हवाओं के तेज बहाव और बिजली गिरने जैसी घटनाओं की संभावनाएं हैं. स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है.
96 इमारतों के 3100 लोगों को कहीं और शिफ्ट होने का आदेश
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और MHADA ने शहर में 96 ऐसी इमारतों की पहचान की है, जिन्हें बारिश के मौसम में खतरनाक माना गया है. इनमें रह रहे लगभग 3100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं.
डिसिल्टिंग का काम शुरू, कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी
मुंबई में जलभराव की पुरानी समस्या को देखते हुए बीएमसी ने नालों की सफाई, पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत और आपातकालीन कंट्रोल रूम की निगरानी जैसी तैयारियां शुरू कर दी है. ताकि भारी बारिश के दौरान शहर की सड़कें और यातायात सुचारु बनाए रखा जा सके.
बीएमसी ने 24×7 आपदा नियंत्रण कक्ष यानी वॉर रूम सक्रिय कर दिया है, जहां नागरिक किसी भी आपात स्थिति की सूचना दे सकते हैं या घटना की जानकारी देकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही लोकल ट्रेन सेवाओं और बसों के संचालन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
जरूरत होने पर ही घर से निकलें बाहर
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें. जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में नगर निगम द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें.
सार्वजनिक इमारतों के रिपेयर वर्क पर जोर
प्रशासन ने स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों की इमारतों का निरीक्षण कर मरम्मत कार्य तेज कर दिया है. ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके और नागरिकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके.