Operation Sindoor: भारत ने पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इस हमले में 100 आतंकी को भारत ने ढेर कर दिया. बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर आई जी शशांक आनंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सारे खुलासे किए. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जब पहलगाम में वह नरसंहार हुआ सभी को इस बात की अपेक्षा थी कि हमारी तरफ से पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने पर कार्रवाई होगी. इस बात की आशंका थी कि पाकिस्तान इसका रीटेलियेशन करेगा. ऐसी स्थिति में हमने तैयारी शुरू कर दी कि अगर पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की जाती है तो बीएसएफ उसका किस तरह जवाब देगी.
शशांक आनंद ने कहा कि 22 अप्रैल की घटना के बाद हमने बॉर्डर पर अपनी निगरानी को मजबूत किया. इस दौरान यह देखने को मिला कि पाकिस्तान ने अपनी फॉरवर्ड पास पर आना छोड़ दिया और सीमा के नजदीक भी नहीं दिखाई दे रहा था. उनकी मूवमेंट बॉर्डर आउटपोस्ट तक ही सीमित रह गई. उस दौरान हमारी पोस्चरिंग बहुत एग्रेसिव थी. सीमा चौकी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच में हमारे विभिन्न फॉरवर्ड पोस्ट है, ऐसे हम अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखते हैं. हालांकि पाकिस्तानी रेंजर पीछे चले गए थे, लेकिन हमारे सभी बहादुर जवान फारवर्ड पोस्ट पर डटे रहे.
पाकिस्तान के सियालकोट जिले में आतंकी मूवमेंट
शशांक आनंद ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च होने के बाद बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के सभी जवानों ने सीमा पर डटकर देश की रक्षा की. बीएसएफ के जवानों ने फायरिंग के बीच में फॉरवार्ड पोस्ट्स पर तैनात रहकर दुश्मन को जवाब दिया. ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च होने के बाद खुफिया एजेंसी की तरफ से इनपुट आ रहे थे कि सीमा पार से फायरिंग की आड़ में पाकिस्तानी रेंजर्स हमला कर सकते हैं. इस वजह से सीमा की चौकसी बहुत जरूरी हो गई थी. हमलोग 8 मई की रात को लगातार पाकिस्तान की निगरानी कर रहे थे. उस दौरान हमने पाकिस्तान के सियालकोट जिले में आतंकियों के एक बड़े समूह का मूवमेंट ट्रैक किया. वे लोग घुसपैठ की कोशिश करने वाले थे. हमने यह फैसला लिया कि जब तक यह समूह हमारी निगरानी में है तब तक हम इन्हें सीमा पर नहीं करने देंगे.
BSF ने सांबा सेक्टर में स्ट्राइक लॉन्च की
आतंकियों के मूवमेंट को मद्देनजर रखते हुए BSF ने सांबा सेक्टर में स्ट्राइक लॉन्च की. इसके बाद पाकिस्तानी पोस्ट से फायरिंग शुरू हुई जिसकी तैयारी पहले से ही BSF ने कर ली थी. उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचाया. कॉन्फ्रेंस में डीआईजी इंद्रेश्वर नगर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद करीब 45 से 50 आतंकी बॉर्डर की तरफ आ रहे थे. उन्हें शक था ये इनफिल्ट्रेशन करेंगे या फिर हमारे फॉरवर्ड पोस्ट को नुकसान पहुंचाएंगे. इसके बाद हमने स्ट्राइक की, जिससे उनका नुकसान हुआ. पाकिस्तानी सेना ने भी बीएसएफ की फॉरवर्ड पोस्ट पर फायरिंग शुरू कर दी.
अधिकारियों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
डीआईजी इंद्रेश्वर नगर ने जानकारी दी कि जो हमारे इनपुट हैं, उसके मुताबिक पाकिस्तानी सेना के काफी लोग मारे गए हैं. शशांक आनंद ने बताया कि 9 तारीख को पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अखनूर में फायरिंग की. इसकी तैयारी बीएसएफ में पहले से कर रखी थी. 9 और 10 मई को हमने यह प्लान किया था कि हम उनके आतंकी लॉन्च पैड पर अटैक करेंगे. इसी के दौरान हमने लश्कर के लूणी के लांच पैड पर हमला किया. ऑपरेशन को कोऑर्डिनेट करके हमने लूणी को डिस्ट्रॉय कर दिया. वहीं डीआईजी सुंदरबनी ने कहा कि हमें यह पता था कि इस आतंकी लॉन्च पद पर 15 से 20 आतंकी मौजूद है. इनपुट के बाद हमें यह भी पता लगा कि यह आतंकी फायरिंग की आड़ में घुसपैठ कर सकते हैं. इस दौरान हमने उनकी कई बॉर्डर और पोस्ट को इंगेज किया जिनमें उन्हें नुकसान पहुंचा.
ऑपरेशन सिंदूर में महिला शक्ति ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
आरएसपुरा के डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा कि पाकिस्तान ने हमारी पोस्टों पर फायरिंग शुरू की, जिसके बाद यह फायरिंग मोर्टार शेलिंग में तब्दील हो गई. वे हमारे रिहायशी इलाकों को हिट करने की कोशिश कर रहे थे. हमने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया. शशांक आनंद ने कहा कि इसी दौरान हमने पाकिस्तान के एक लॉन्च पैड को बर्बाद किया. उसी दौरान उन्होंने ड्रोन अटैक भी किया. 10 मई को पाकिस्तान ने लो हाइट ड्रोनेस भी भेजें ताकि हमारे पोस्ट को टारगेट किया जा सके. उसी दौरान पाकिस्तान के एक ड्रोन ने पेलोड गिराया, जिसमें हमारे दो जवान सेना का एक जवान शहीद हो गए. इसके बावजूद हमने दुश्मन को डटकर जवाब दिया. बीएसएफ ने सियालकोट सेक्टर में पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया, उन्होंने बताया कि हम सांबा में एक पोस्ट का नाम सिंदूर रखने का प्रस्ताव भेज रहे है. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की महिला शक्ति ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. हालांकि उन्हें वापस हेड क्वार्टर में आने का ऑप्शन भी था, लेकिन इन महिलाओं ने दुश्मन को जवाब दिया.