Shahid Afridi News: कोच्चि यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CUSAT) ने क्यूबा-यूएई नाम के संगठन के साथ कैसा भी संबंध होने की खबरों को नकारा है. क्यूबा-यूएई वह संगठन है, जिसने दुबई में हुए एक हालिया इवेंट पाकिस्तानी क्रिकेटरों शाहिद अफरीदी और उमर गुल की आवभगत की थी. इस यूनिवर्सिटी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया है कि उसका क्यूबा-यूएई के साथ कोई संबंध नहीं है.
यूनिवर्सिटी ने आधिकारिक स्टेटमेंट में बताया कि उसके छात्र संघ को CUSAT एल्यूमिनी एसोसिएशन (CAN) के नाम से जाना जाता है. दावा किया गया है कि दुबई में हुए कार्यक्रम के बारे में CAN को कोई जानकारी नहीं थी. बताया गया कि विश्वविद्यालय का छात्र संघ ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे देश की छवि को ठेस पहुंचे. विश्वविद्यालय ने दुबई में हुए कार्यक्रम से जुड़े होने की किसी भी तरह खबरों को निराधार बताया है.
कोच्चि विश्वविद्यालय का बयान आने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि दुबई में आयोजित कार्यक्रम के तार पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं. आरोप हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत जो भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशों का दौरा कर रहा है, दुबई में होने वाला कार्यक्रम भारत के इसी प्रयास को बदनाम करने की एक साजिश हो सकती है.
पाकिस्तान पीठ पीछे रच रहा साजिश!
दुबई में आयोजित हुआ यह कार्यक्रम इसलिए भी संदेह के घेरे में आया है क्योंकि कुछ रिपोर्ट्स अनुसार पाकिस्तान में कुछ बड़े अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. भारत के खिलाफ जहरीले बयान देने वाले शाहिद अफरीदी भी उन्हीं में से एक रहे, जिनके लिए कहा जाता है कि उनके पाकिस्तानी सेना और ISI के साथ करीबी संबंध हैं.
शाहिद अफरीदी भारत के खिलाफ देते रहे हैं जहरीले बयान
ये पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर को संभावित भारत विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित पाया गया है. वो पहले भी कई बार खुद भारत और भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बीच जब भारत-पाकिस्तान में सीजफायर पर सहमति बनी, तब अफरीदी ने कराची में विक्ट्री रैली निकाली थी. इसी रैली के दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि भारत और उसकी सेना हर घटना के लिए सिर्फ पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराती है है. यह बयान ऐसे समय में आया जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 मासूम लोगों की जान ले ली थी.
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