UP SP-Congress Alliance: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन के बीत तनाव कम होने के नाम नहीं ले रहा है. दोनों तरफ से हो रही बयानबाजी के बाद इस गठबंधन के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने जहां सपा के साथ गठबंधन पर सवाल उठाते हुए 80-17 का फॉर्मूला मानने से ही इनकार कर दिया तो वहीं सपा प्रवक्ता फखरुल हसन ने उनके बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस इमरान मसूद के साथ खड़ी है तो हम उन्हें सिर्फ 30 सीटें देंगे.
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस से गठबंधन को लेकर अपनी बात कही और इमरान मसूद पर तीखा हमला किया. उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी से सवाल किया कि “क्या इमरान मसूद कांग्रस पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जो ये तय कर रहे हैं कि यूपी में गठबंधन रहेगा या नहीं? आप 200 सीटों पर लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे, ये इमरान मसूद तय करेंगे. आप बता दीजिए कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान मसूद हैं..हम मान लेंगे.
कांग्रेस को 30 सीटें देगी सपा!
उन्होंने कहा कि अगर आप इमरान मसूद के साथ खड़े हैं तो बता दीजिए हमें आपके साथ गठबंधन रखना होगा तो रखेंगे, सीटें देनी होंगी तो देंगे. हमारा फॉर्मूला तो वहीं है. अगर इमरान मसूद के साथ कांग्रेस खड़ी है तो हम उन्हें सिर्फ 30 सीटें दे पाएंगे. सपा इससे ज्यादा सीटें नहीं दे पाएगी. सपा प्रवक्ता के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है और यूपी में इंडिया गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
इमरान मसूद के इस बयान से बढ़ा तनाव
बता दें कि सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद पिछले कुछ समय से लगातार सपा के साथ गठबंधन को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अब ये नहीं चलेगा कि सपा तय करे कि हम कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेंगे. हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे अब हमें किसी बैसाखी की ज़रूरत नहीं है. अगर कोई समझौता होता है तो वो बराबरी का होना चाहिए. कांग्रेस कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेगी इसका फैसला हमारी पार्टी का नेतृत्व करेगा.
मसूद ने कहा कि यूपी में राहुल गांधी के नाम पर वोट पड़ा है. सपा के साथ गठबंधन कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने बीजेपी का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी तो अपने सहयोगियों को खा जाती है और हमारे सहयोगी हमें खा जाते हैं. अगर कोई बीजेपी से लड़ सकता है तो वो कांग्रेस पार्टी है. कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी.
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