मुंबई की लोकल ट्रेन में एक मामूली सीट को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बड़ा भाषाई मुद्दा बन गया है. शुक्रवार (18 जुलाई) शाम को सेंट्रल लाइन की एक महिला डिब्बे में, एक महिला ने दूसरी महिला से कहा – “अगर मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो, वरना बाहर निकलो”.
यह घटना उस समय हुई जब ट्रेन भीड़ से खचाखच भरी थी. इस दौरान महिलाओं के बीच कहासुनी हुई. इस घटना वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
क्या है वायरल वीडियो में?
वीडियो में देखा गया कि 6 से 7 महिलाएं एक सीट के लिए बहस कर रही थीं. बहस के बीच ही एक महिला ने दूसरी महिला पर मराठी न बोलने को लेकर टिप्पणी की, जिससे मामला तूल पकड़ गया.
कुछ ही देर में अन्य महिलाओं ने भी बहस में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. इस घटना के बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि यह मामला अब सामाजिक और भाषाई सौहार्द का विषय बन गया है.
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एक बार फिर भाषा विवाद गहराई
इस घटना ने महाराष्ट्र में चल रही भाषा राजनीति को फिर हवा दे दी है. हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं द्वारा गैर-मराठी बोलने वालों पर हमला करने के कई मामले सामने आए हैं. इसी सप्ताह मुंबई के विक्रोली में एक दुकानदार को व्हाट्सएप स्टेटस को लेकर पीटा गया. दुकानदार को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया.
इसके अलावा, 1 जुलाई को ठाणे में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता को मराठी में बात न करने पर थप्पड़ मारा गया. पालघर में प्रवासी ऑटो चालक को सार्वजनिक रूप से पीटा गया, जिसमें MNS और उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना कार्यकर्ता शामिल थे.
मुंबई के व्यापारी सुशील केडिया के ऑफिस में भी तोड़फोड़ की गई क्योंकि उन्होंने मराठी न सीखने की बात कही थी. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें 5 से 6 लोग उनके ऑफिस में ईंटें फेंकते दिखाई दिए.
एक सुरक्षाकर्मी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन हमलावर बैग खाली करने तक नहीं रुके. बाद में व्यापारी ने माफी जारी कर दी. ऐसे मामलों ने महाराष्ट्र की भाषा और पहचान को लेकर जारी तनाव को एक बार फिर उभार दिया है.