कैथल के निलंबित तहसीलदार पहले भी विवादों में रहे:दर्ज हो चुका भ्रष्टाचार का केस, सांसद रहे सीएम सैनी ने वापस दिलाए थे पैसे

by Carbonmedia
()

कैथल के कलायत में हरियाणा सरकार द्वारा निलंबित किए गए तहसीलदार पहले भी विवादों में रहे हैं। इससे पहले नारायणगढ़ में भी उक्त तहसीलदार के खिलाफ पांच हजार रुपए लेने के मामले में केस दर्ज हुआ था। यह केस नवंबर 2019 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था। पांच हजार रुपए लेने के आरोप आरोप था कि बैंक के नाम पर ट्रांसफर डीड तैयार करवाने की एवज में उन्हींने एक व्यक्ति के माध्यम से पांच हजार रुपए लिए थे। इस संबंध में वहां के शेखर नामक व्यक्ति ने कुरुक्षेत्र के तत्कालीन सांसद और वर्तमान सीएम नायब सैनी को शिकायत दी थी। उस समय नायब सैनी ने व्यक्ति के रुपए वापस करवा दिए थे। उसके बाद शेखर ने सीएम विंडो पर शिकायत की थी। वहां के तत्कालीन एसडीएम ने जब मामले की जांच की तो उनकी रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज हुआ था। रुपए देते ही किया काम बता दें कि, पीड़ित 13 मई 2020 को तहसीलदार के पास ट्रांसफर डीड करवाने गया था। उसने दस्तावेज पूरे कर रखे थे, लेकिन तहसीलदार ने हस्ताक्षर नहीं किए। जब वह कार्यालय से बाहर आया तो उसे रणदीप नामक व्यक्ति मिला। उसने पांच हजार रुपए में हस्ताक्षर करवाने की बात कही तो उसने पैसे दे दिए। रणदीप हस्ताक्षर करवा लाया। कुछ देर में ही पटवारी ने डीड दर्ज कर दी। घर आने पर उसे पांच हजार रुपए देने को लेकर बुरा महसूस किया और सांसद को शिकायत कर दी। अगल दिन तहसील कार्यालय से फोन आया कि पैसे लौटा दिए जाएंगे, कोई शिकायत न करें। मामले में तहसीलदार ने कोर्ट में जमानत के लिए अपील की, लेकिन उसे जमानत नहीं मिल पाई। उसके बाद से अब उनकी सेवाएं जारी थीं। अब कलायत में प्रशासनिक लापरवाही के कारण कैथल जिले के कलायत में तहसीलदार दिनेश कुमार को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनकी तैनाती मंडलायुक्त कार्यालय सिरसा में रहेगी। मामला गांव चोशाला की एक महिला से जुड़ा है। रिश्तेदारों के पक्ष में रिपोर्ट तैयार महिला का आरोप है कि उसके पति की दिसंबर 2017 में मृत्यु के बाद उनका परिवार संबंधित जमीन पर खेती कर रहा है। हलका कानूनगो और पटवारी ने मौके का निरीक्षण कर नायब तहसीलदार कलायत को रिपोर्ट सौंपी। तहसीलदार दिनेश सिंह पर आरोप है कि उन्होंने रिपोर्ट में पेन से कटिंग कर बदलाव किया। उन्होंने नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर काट दिए। इसके बाद रिश्तेदारों के पक्ष में रिपोर्ट बनाकर एसडीएम कार्यालय भेज दी। आरटीआई के माध्यम से खुलासा वहीं, अतिरिक्त उपायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीसी ने वित्तायुक्त राजस्व और अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा से अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसमें तहसीलदार को निलंबित करने की मांग भी शामिल थी। डीसी द्वारा 10 मार्च को जारी किए गए पत्र का आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment