अंबाला में आत्मदाह की धमकी देने वाली महिला सरपंच निलंबित:डीसी बोले- प्रशासन को दवाब में डालने की कोशिश की; इसलिए कार्रवाई की

by Carbonmedia
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हरियाणा के अंबाला में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व आत्मदाह की धमकी देने वाली ग्राम पंचायत माजरा की सरपंच नेहा शर्मा को उपायुक्त अंबाला अजय सिंह तोमर ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1)(बी) तथा एक्ट की धारा 51(2) के तहत की गई है। बता दें कि सरपंच अब ग्राम पंचायत की किसी भी कार्यवाही व बैठक में भाग नहीं ले सकेंगी। इसके साथ ही यह भी आदेश दिए गए हैं कि उनके पास ग्राम पंचायत से संबंधित जो भी चल-अचल संपत्ति, राशि, रिकार्ड आदि हो तो वह तुरंत बहुमत रखने वाले पंच को सौंप दिया जाए। उपायुक्त को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी शहजादपुर ने 27 जून को पत्र क्रमांक 1472 भेजा था। इसमें उन्होंने जानकार दी कि नेहा शर्मा ने उनके कार्यालय में शपथ पत्र दिया है कि यदि प्रशासन के द्वारा दो जुलाई पूर्व दोनों खोखे खाली नहीं करवा दिए जाते तो वह दो जुलाई को सुबह 11 बजे त्रिवेणी चौक शहजादपुर में आत्मदाह (अग्नि प्रवेश) कर लेंगी। ये नियम के विरुद्ध था- डीसी डीसी ने बताया कि सरपंच द्वारा संवैधानिक पद पर रहते हुए इस प्रकार का शपथ-पत्र देकर धमकी देना नियमों के विरूद्ध है। जो उसके गम्भीर कदाचार को व्यक्त करता है और प्रशासनिक दृष्टिकोण से मामले का समाधान ना करके प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश की है। जिस कारण हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1)(बी) के अन्र्तगत सरपंच पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा एक्ट की धारा 51(2) के तहत ग्राम पंचायत की किसी भी कार्यवाही/बैठक में भाग लेने पर भी रोक लगा दी है। यह था मामला अंबाला जिला के गांव माजरा की महिला सरपंच ने प्रशासन को एक हलफनामा दिया था जिसमें उसने आत्मदाह करने की बात कही थी। मामला पंचायत की जमीन पर हुए कब्जे से जुड़ा था, जिसमें बीते दिन गांव में पंचायत की जमीन पर कब्जे को खाली करवाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन पहुंचा था, लेकिन कब्जा खाली करवाए बगैर प्रशासन वापस लौट आया। इससे आहत होकर महिला सरपंच नेहा शर्मा ने 2 जुलाई को आत्मदाह करने का कदम बड़ा उठाया था। जानकारी के अनुसार, गांव माजरा की पंचायती जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ है। इसके बारे में महिला सरपंच ने कई बार प्रशासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद प्रशासन ने 24 जून को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया और पुलिस बल उपलब्ध करवाया। इसके बाद मौके पर पहुंचे ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन दुकान खाली कराए बगैर ही वापस लौट गए। इसे आहत होकर महिला सरपंच ने यह कदम उठाने की ठानी थी। प्रशासन होगा जिम्मेदार- सरपंच महिला सरपंच नेहा शर्मा ने कहा था कि गांव में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पंचायत की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। जिसको लेकर पंचायत ने रेजूलेशन पास किया कि कब्जाधारियों से जमीन खाली कराई जाए। इसके लिए प्रशासन को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्रवाई की मांग की थी। महिला सरपंच ने बताया कि प्रशासन से पुलिस फोर्स मांगी गई। कल पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए। लेकिन बिना किसी कार्रवाई के प्रशासन वापस लौट गए। जबकि कब्जाधारियों के पास किसी भी तरह का कोई स्टे आर्डर नहीं था। इस बदनामी को वह सहन नहीं कर पा रही, इसलिए 2 जुलाई को वह शहजादपुर के त्रिवेणी चौक पर आत्मदाह करेगी। जिसके जिम्मेदार प्रशासन के सभी अधिकारी होंगे। पूरे परिवार के साथ आत्मदाह की चेतावनी वहीं, इस पूरे मामले के अगले दिन दुकानदार भी विरोध पर उतर आए और कहने लगे कि अगर अगर प्रशासन ने यह दुकान हटाने की कोशिश की तो वह परिवार सहित आत्मदाह कर लेंगे। अब इस मामले में प्रशासन दोनों तरफ से फंसा हुआ नजर आ रहा था। एक तरफ तो सरपंच आत्मदाह की बात कह चुकी है। वहीं, दूसरी तरफ अब दुकानदार भी अड़ गए थे। महिला सरपंच ने जारी किया था पोस्टर वहीं, इस मामले में महिका सरपंच नेहा शर्मा ने एक पोस्टर जारी भी किया था। पोस्टर में लिखा था कि शासन और प्रशासन के द्वारा कब्जेधारियों के कब्जे न हटाने से तंग आकार आत्मदाह (अग्नि प्रवेश) लिखा हुआ था।

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