अंबाला में आवारा कुत्तों के लिए बनेगा शेल्टरहोम:मेयर ने अधिकारियों को लिखा लेटर, डॉग लवर्स भी कर सकेंगे देखभाल; जल्द शुरू होगा काम

by Carbonmedia
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हरियाणा के अंबाला में अब आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा। इसके लिए अंबाला की मेयर शैलजा सचदेवा ने अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है। मेयर ने कहा कि अंबाला में जल्द ही यह शेल्टर होम बनने के लिए कहा है। दरअसल, आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेयर ने निगम अधिकारियों को शेल्टर होम बनाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में लोगों को काट रहे कुत्तों को उठाया जाएगा मेयर ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रहेगी कि जिन कुत्तों से रैबीज फैल रहा है और लोगों को काट रहे हैं, उन्हें पहले उठाया जाएगा। पहले चरण में यही काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंबाला में पहली बार शेल्टर होम बनने जा रहा है। मेयर ने लिखे अपने आदेश में कहा है कि अंबाला में आवारा कुत्तों से लोगों को दिक्कत हो रही है। अक्सर वे लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। खास तौर पर इसमें बच्चे अधिक होते हैं। इसलिए अब इसमें जल्द ही नियमानुसार शेल्टर होम को तैयार किया जाएगा। इसके लिए जमीन की तलाश करने के लिए भी अधिकारियों से कहा गया है। सोमवार को बच्ची की उंगलीयां की थी जख़्मी बता दें कि एक ताजा मामला अंबाला शहर के तहसील परिसर का ही है। जिसमें 4 साल की मासूम बच्ची के हाथ को कुत्ते में अपने मुंह में रख लिया था। इस दौरान बच्ची की उंगलियां बुरी तरह से ज़ख़्मी हो गई थीं। इससे पूर्व भी ऐसी कई घटनाएं हुईं हैं। जिसके बाद मेयर ने शेल्टर होम बनाने का निर्णय लिया है। डॉग लवर्स भी कर सकेंगे देखभाल मेयर शैलजा सचदेवा ने कहा कि इस शेल्टर होम में डॉग्स लवर्स भी का सकेंगे। साथ ही उनकी देखभाल फीडिंग्स आदि का भी ख्याल वे रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सामाजिक संस्थाओं से भी राय ली जाएगी। उनको भी शेल्टर होम में योगदान देने के लिए कहा जाएगा। जिससे जो आवारा कुत्ते यहां पकड़ कर लाए जायेंगे उनकी देखभाल ठीक तरह से की जा सकेगी। जुलाई माह में 109 लोगों को कुत्तों ने काटा था कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जुलाई में 109 लोगों को कुत्तों ने शिकार बनाया। इसमें बड़े ही नहीं बल्कि महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। कुत्ते लोगों को गली और बाजार से जाते हुए काट रहे हैं और बच्चों को भी स्कूल जाते हुए काट लिया। शहर में जिला नागरिक अस्पताल की बात करें तो अकेले ओपीडी में ही रोजाना 10 से 12 मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। जबकि इमरजेंसी में अलग केस पहुंच रहे हैं।

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