हरियाणा के अंबाला शहर सीट से कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्मल सिंह ने जनता की समस्याएं सुनी, इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब शासन प्रजा के मूलाधिकारों को दान समझने लगे और जीवनोपयोगी साधनों पर मूल्य का शिकंजा कस दे, तो समझना चाहिए कि सत्ता संवेदनहीन हो चुकी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी निर्मल सिंह ने हरियाणा में बिजली दरों में हुई अचानक और चुपचाप बढ़ोत्तरी को जन-विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि राज्य की मौजूदा व्यवस्था अब सेवा नहीं, शोषण की पराकाष्ठा बन चुकी है। जनता को सौंपी है बिजली बिल की ज्वाला उन्होंने कहा कि गर्मी की तपिश से झुलसती जनता को राहत देने के बजाय, सरकार ने बिजली बिलों की ज्वाला सौंप दी है,”सिंह ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं पर अब ऐसा आर्थिक भार लाद दिया गया है जो न केवल अनीतिपूर्ण है, बल्कि अमानवीय भी। निर्मल सिंह के अनुसार पहले जहां एक सामान्य परिवार को 900 से 1000 रुपये का मासिक बिल देना होता था, अब नये रेट लागू होने के बाद उसी परिवार को 4000 से 5000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। यानी बिजली अब शक्ति नहीं, शक्ति कर बन चुकी है। 75 रुपये प्रति किलोवाट का नया ‘स्थायी भार कर’ (फिक्स चार्ज) जोड़ कर, सरकार ने बिजली को विलास की वस्तु बना डाला है। 10 किलोवाट के कनेक्शन पर अब हर माह 750 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, वो भी केवल भार का कर चुकाने के लिए। विधायक ने बताया कि दरों में की गई यह बढ़ोत्तरी न केवल प्रति यूनिट मूल्य में है (6.30 से बढ़ाकर 7.50 रुपये तक) बल्कि स्लैब सिस्टम को भी चुपचाप परिवर्तित कर दिया गया है। एक तरफ दाम बढ़े हैं, दूसरी ओर उपभोक्ताओं को कोई सूचना नहीं दी गई मानो यह कोई राजकोषीय गोपनीयता हो। लोगों की शिकायतें सुन किया समाधान इस दौरान विधायक निर्मल सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र से आए लोगों की समस्याओं को सुन कर उनका त्वरित निस्तारण के लिए संबन्धित अधिकारी को फोन कर बात की। उन्होंने बताया कि लोगों की समस्याओं को हल करना ही एक जनप्रतिनिधि का पहला कर्तव्य होना चाहिए।
अंबाला में निर्मल सिंह ने सुनी लोगों की समस्याएं:प्रदेश सरकार पर साधा निशाना, बोले- भीषण गर्मी में महंगे बिल की ज्वाला दी
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