अंबाला में पोल्ट्री फॉर्म के विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन:ग्रामीण बोले- अधिकारी गलत रिपोर्ट पेश कर रहे, बाहर नारेबाजी की

by Carbonmedia
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हरियाणा के अंबाला के साहा के समलेहड़ी स्थित दो मुर्गी फॉर्म को बंद कराने को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने गेट के बाहर आकर जमकर नारेबाजी की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर आदेश के बाद भी उक्त पोल्ट्री फॉर्म को बंद ना करने का आरोप भी लगाया। लोगों ने इस मामले को लेकर चेतावनी भी दी है कि अगर पोल्ट्री फॉर्म बंद नहीं किए गए तो वह सीएम और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव से शिकायत करेंगे। ग्रामीण बोले- बंद होना चाहिए इस मामले में कृष्ण चौहान ने बताया कि गांव के अंदर गर्ग व प्रेम पोल्ट्री फॉर्म चल रहे हैं। इसको लेकर ग्रामीण पिछले कई सालों से बंद कराने को लेकर प्रयासरत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ये पोल्ट्री फॉर्म यहां से बंद होने चाहिए। उनका आरोप यह भी है कि ये प्रदूषण विभाग के किसी भी निम्स का पालन नहीं करते हैं। जिससे गांव में लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने आगे बताया कि 2014 व 2015 को हरियाणा प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव ने बंद करने के आदेश दे दिए थे। इसके बाद अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर दिया। इसको लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे मान सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने 2020 में फिर से ऑर्डर को सही कराया। नियमानुसार मुर्गी की उम्र 72 हफ्ते यानि 504 दिन हैं। क्योंकि इतने दिन तक ही मुर्गी का अंडे देना फायदेमंद होता है। पोल्ट्री फॉर्म वालों ने अक्टूबर 2020 में लिखकर दिया था कि आगे कोई मुर्गी नहीं डाली जाएगी। इसके बावजूद भी दोनों पोल्ट्री फॉर्म चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार आदेश आने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, इस मामले को लेकर अंबाला कैंट एसडीएम वीणेश कुमार ने कहा कि इनको बंद करने के आदेश जरूर दिए गए थे। लेकिन, इस मामले में सरकार ने इसको बंद कराने के आदेश को रिबोक कर लिया था। झूठी रिपोर्ट देने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का साइंटिस्ट हो चुका सस्पेंड‎ वहीं, मानसिंह व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पोल्ट्री फार्म‎ को अनुचित फायदा पहुंचाने के लिए हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साइंटिस्ट ने गलत रिपोर्ट पेश कर दी थी। उसने मानक लागू होने से एक साल पहले ही उक्त पोल्ट्री फार्म की रजिस्ट्री‎ होना दिखा दिया था। इस मामले में उसे सस्पेंड कर‎ दिया गया था। इसके बाद पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में गर्ग पोल्ट्री फॉर्म जोकि सड़क से 200 मीटर अंदर है, उसे‎200 मीटर दूर दिखा दिया था।

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