हरियाणा के अंबाला के बर्फखाने की जमीन पर उठे विवाद के बाद इस जमीन पर काबिज लीज धारकों से जमीन वापस ली जाएगी। उनकी लीज खत्म कर दी जाएगी। इसके लिए नगर परिषद ने एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा है। जानकारी के अनुसार, स्वीकृति मिलते ही जमीन पर कब्जा लेकर इसकी चारदिवारी कराई जाएगी। क्योंकि यह जमीन सरकार की मलकियत है। कब्जा लेने के बाद सरकार अगर इस जमीन का प्रयोग करना चाहती है तो वह कर सकेगी। परियोजना भी लाई जा सकती है इस जमीन पर किसी परियोजना को भी लाया जा सकता है। नगर परिषद अब सरकार की अनुमति आने का इंतजार कर रही है। सरकार ने अनुमति दी तो जमीन पर काबिज लीजधारकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। जानकारी के अनुसार यह एक्साइज एरिया की जमीन है। जिसकी मलकियत राज्य सरकार के पास है। कई वर्ष पहले इस जमीन को नगर परिषद ने राजस्व प्राप्त करने के लिए एक बर्फ का काम करने वाले कारोबारी को लीज पर दी थी। इसके बाद कारोबारी के बेटे ने जमीन को किसी और के सुपुर्द कर दिया। यह मामला जब कोर्ट में गया तो पुन: कारोबारी के बेटे को यह जमीन दे दी गई। बर्फखाने की कुल पांच एकड़ जमीन है। इसमें ढ़ाई एकड़ जमीन लीज पर है। यहां सर्विस सेंटर, 10 से 12 घर, फर्नीचर बनाने वाले कारखाने और एक रेस्टोरेंट है। बकाया ढाई एकड़ जमीन खाली है। यहां से उठा था विवाद कुछ दिन पहले बर्फखाने की जमीन पर जेसीबी चलने की सूचना नगर परिषद के पास पहुंची थी। इसके बाद जमीन पर अपना दावा करने वाले व्यक्ति से पूछताछ की गई तो उसने किसी भी तरह की कार्यवाही से इनकार किया। वहीं मामले में नप ने इस जमीन को राज्य सरकार की मलकियत बताते हुए चेतावनी बोर्ड लगा दिया। जिससे कि कोई जमीन की खरीद फरोख्त न कर सके। वहीं इस जमीन को लेकर दूसरा पहलू यह है कि जमीन का दावा करने वाला व्यक्ति अपने पास नगर परिषद से जुड़े प्रमाण पत्र होने का दावा कर रहे हैं। यह मामला कोर्ट में भी जा चुका है। जहां से नगर परिषद को हार मिली थी।
अंबाला में बर्फखाने की जमीन की लीज होगी खत्म:नगर परिषद ने तैयार किया प्रस्ताव, परियोजना भी लाई जा सकती हैं
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