हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) में चल रही खींचतान को लेकर अकाल पंथक मोर्चा के सदस्य वीरवार को मीडिया के सामने आए। मोर्चा के सदस्य दीदार सिंह नलवी और कुलदीप सिंह ने कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हुए, जिसमें निष्पक्ष सदस्य चुने गए। यह जानकारी सिरसा के गुरुद्वारा श्री दसवीं पातशाही में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। दीदार सिंह नलवी ने कहा कि यह जो कमेटी है, जो खुद का प्रधान बता रही है। इस प्रधान कमेटी का कोई चुनाव नहीं हुआ और न ही 49 में से सदस्यों ने चुना है। यह कमेटी गैर-संवैधानिक है और कोई कार्य नहीं कर सकती। इसलिए सरकार से मांग है कि कमेटी से निष्पक्ष चुनाव करवाए। इसलिए 20 मेंबर आज एकत्रित हुए हैं। जब बात प्रधान की आई तो बिना किसी चुनाव के मनमर्जी से प्रधान थोप दिया, जो सिख समाज को मंजूर नहीं है। इसलिए मांग है कि सरकार दखलअंदाजी न करे। अकाल पंथक मोर्चा के सदस्यों ने आरोप लगाए कि बलजीत सिंह दादूवाल को चुनाव हारने के बावजूद धर्म प्रचारक का पद दे दिया। ऐसे में सदस्यों ने धर्म प्रचारक बलजीत सिंह दादूवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी ऑडिट की बात आती है तो इसमें दादूवाल हस्तक्षेप करते हैं। जो कि गलत है। इस पर सरकार को रोक लगानी चाहिए, क्योंकि अगर इस तरह लोग इंटरफेयर करेंगे तो फिर गुरुद्वारा का कार्य कैसे होगा। उन्होंने कहा कि अगर संविधान के अनुसार प्रधान के लिए सही चुनाव होता या फिर बहुमत से प्रधान चुना जाता तो हम इसे स्वीकार भी करते। सदस्यों ने साफ कहा कि कमेटी को चलाने के लिए सरकार को निष्पक्ष प्रधान नियुक्त करना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी की राय जरूरी है, न कि किसी एकपक्षीय फैसले को थोपा जाए। सरकार के इस फैसले को चुनौती देंगे : मोर्चा सदस्य कमेटी सदस्यों ने दावा किया कि वे सरकार के इस फैसले को चुनौती देंगे। कमेटी के संविधान का बारीकी से मंथन किया जा रहा है, शीघ्र ही आगे की रणनीति बनाएंगे और हर हाल में प्रधानगी को संशोधित करवा जाएगा। इसके लिए सरकार पर दबाव बनाने का काम करेंगे। तभी सरकार निष्पक्ष दखलअंदाजी करेगी और चुनाव के जरिए प्रधान का चयन होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन द्वारा करवाने के लिए अकाल पंथक मोर्चा द्वारा गुरुद्वारा इलेक्शन कमीशन में 2 याचिकाएं भी दायर की जा चुकी है। इस दौरान अकाल पंथ मोर्चा के सदस्य कर्मजीत सिंह, गुरमेज सिंह, हरमनप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह, बिंद्र सिंह, प्रकाश सिंह, काका सिंह, इकबाल सिंह, मोहनजीत सिंह, दीदार सिंह, गुरमेल सिंह, सेवा सिंह, बलदेव सिंह, सुखजिंद्र सिंह, गुरजीत सिंह, हरिंद्र सिंह, बलकार सिंह, सुखदेव सिंह, रविंद्र सिंह राणा आदि मौजूद रहे। यह जानिएं HSGMC चुनाव से संबंधित मामला हरियाणा में पहली बार हुए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) के चुनाव करवाने को 22 जिलों को 40 वार्डों में बांटा था और 9 सदस्य सरकार द्वारा मनोनीत किए जाने थे। इन 40 सदस्य पर ही प्रधान, उप प्रधान सहित पदाधिकारी चुनने का काम था। चुनाव में सरदार जगदीश सिंह झींडा गुट और निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा रहा था और कालांवाली से दादूवाल हार गए थे। पंथक दलों की बात करें तो सबसे अधिक झींडा गुट के 11 सदस्यों ने जीत दर्ज की थी, जबकि 22 निर्दलीयों ने पंथक दलों के प्रत्याशियों को परास्त किया था। जत्थेदार बलजीत दादूवाल ने एडहॉक कमेटी के धर्म प्रचार कमेटी की कमान संभाली थी। एचएसजीपीसी के चुनाव में चार प्रमुख सिख नेताओं बलजीत सिंह दादूवाल, जगदीश सिंह झींडा, बलदेव सिंह कैमपुरा और दीदार सिंह नलवी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। बलजीत सिंह दादूवाल की टीम ने शिरोमणि अकाली दल (हरियाणा) आजाद के बैनर तले चुनाव लड़ा, जगदीश सिंह झींडा ने पंथक दल (झींडा) के बैनर तले, बलदेव सिंह कैमपुरा की टीम ने हरियाणा सिख पंथक दल और दीदार सिंह नलवी के उम्मीदवार सिख समाज संस्था के प्रत्याशियों के रूप में ताल ठोकी थी। अब अकाल पंथक दल की विरोधी गुटबाजी सामने आई है।
अकाल पंथक मोर्चा बोला, सरकार के फैसले को चुनौती देंगे:HSGMC में खींचतान, प्रधान के सही चुनाव, दादूवाल के हस्तक्षेप पर रोक लगे
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