सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंडर टेबल पैसे लेने का आरोप लगाया था. इस पर प्रतिक्रया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सबकी अपनी-अपनी बातें हैं, अपने-अपने विचार हैं. उन्होंने कहा कि मैं नेताओं पर बात नहीं करता. राजनीति पर हम बयान देते नहीं है, कोई हम पर देता रहे. हम तो अपना काम करते रहेंगे.
‘जातिवाद कैंसर से बड़ी बीमारी’
यूपी के इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी पर उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस देश में अगर कैंसर से कोई बड़ी बीमारी है तो वो जातिवाद है. इस देश को तोड़ने की सबसे बड़ी बीमारी अगर कोई है तो वो जातिवाद है. इस देश को खत्म करने के लिए और दूसरा पाकिस्तान बनाने के लिए अगर कोई बीमारी है तो वो जातिवाद है.
‘इटावा की घटना निंदनीय है’
इसके आगे उन्होंने कहा कि देश की उन्नति, उत्थान, लगातार दंगे करवाकर नेताओं को अपने पेट भरने, हिंदू को हिंदुओं से लड़वाने और हिंदुओं को एकजुट न होने देने की जरिया जातिवाद है. इटावा की घटना घोर निंदनीय है. सिखा-चोटी काटना निंदनीय है. उससे बड़ी निंदा की बात ये है कि उस घटना में घी डाला जा रहा है.
‘हिंदुत्व को हिंदुओं से खतरा’
बागेश्वर वाले बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “नाव को सूराख से पानी में जितना खतरा है, उतना ही खतरा हिंदुत्व को हिंदुओं से है. जितना पाकिस्तान में हिंदुओं से पाकिस्तान वालों को खतरा है, उतना ही खतरा हिंदुओं के दो विभाग सेक्युलरिज्म के कीड़ा से हिंदुत्व को खतरा है. देश में अभी बहुत विचित्र स्थिति है. इस देश को तोड़ने के लिए नई प्रकार की नीतियां अपनाई जा रही हैं, वो जातिवाद की नीतियां हैं.”
‘जातिवाद नहीं राष्ट्रवाद की जरूरत’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सब हमारे अपने हैं. सनातन धर्म हमारा अपना है. ये देश हमारा है. हम देश के लिए क्यों न जीएं, हम सनातन के लिए क्यों न जीएं? हम जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद पर कार्य क्यों न करें? भारत को संपन्न बनाने के लिए जातिवाद नहीं राष्ट्रवाद की जरूरत है.