अखिलेश यादव के विधायक को कोर्ट ने फरार घोषित किया, जानें क्या है पूरा मामला

by Carbonmedia
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UP News: मऊ एमपी एमएलए कोर्ट ने घोसी विधानसभा क्षेत्र से सपा के विधायक सुधाकर सिंह को फरार घोषित किया है. इसके बावजूद वह क्षेत्र में रहकर सक्रिय राजनीति कर रहे हैं, इस मामले में न्यायालय ने उन्हें कोई राहत नहीं दी है 10 जुलाई को उनकी निगरानी याचिका पर सुनवाई होगी. विद्युत कटौती को लेकर वर्ष 1986 में 400 केवी विद्युत उपकेंद्र पर प्रदर्शन के दौरान बवाल हुआ था. दोहरीघाट पुलिस ने शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने तोड़फोड़ वह अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने सहित अन्य धाराओं में विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था.
यह केस तत्कालीन जनपद न्यायालय आजमगढ़ में विचाराधीन था, इस मामले में विधायक को जमानत मिल गई थी. साल 1989 में मऊ जनपद के जिला बनने के बाद पत्रावली स्थानांतरित होकर मऊ कोर्ट आ गई थी. अदालत ने विधायक को 25 जुलाई 2023 को फरार घोषित किया 4 जून 2024 को विधायक ने जिला जज के समक्ष निगरानी याचिका दायर की सुधाकर सिंह के विधायक निर्वाचित होने पर पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट भेज दी गई.
विधायक के अधिवक्ता वीरेंद्र बहादुर पाल ने बताया कि 1986 में बतौर छात्र नेता सुधाकर सिंह पर एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें वह जमानत पर चल रहे थे. उस समय आजमगढ़ जिला हुआ करता था, फिर मऊ जिला हुआ, तब केस मऊ कोर्ट में आ गया. विधायक के खिलाफ न तो कोई समन ना ही कोई वारंट तामिल कराया गया, उसके 20 साल बाद 25/02/2023 को माननीय सीजीएम कोर्ट ने यह आदेश पारित कर दिया कि अभियुक्त के विरुद्ध कोई सम्मन तामील होकर आया है. न हीं वारंट है, लेकिन निकट भविष्य में उनकी उपस्थिति होने की उम्मीद नहीं है. यही देखते हुए एक पक्षी रूप से सन 2023 में ही विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ आदेश जारी कर दिया.
सुधाकर सिंह इस मामले में लगातार न्यायालय कोर्ट में हाजिर होते रहे हैं किन्हीं कारणों से पत्रावली ट्रांसफर हो गई उस प्रश्नावली में आज भी बहस चल रही है. आगामी 10 जुलाई को पुनः बहस है. विधायक ना तो फरार है उन्होंने तो अपनी बात कहने के लिए माननीय न्यायालय में निवेदन किया है. वहीं अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश पांडे ने बताया कि विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ पहले न्यायालय का आदेश आया था. जिसका एमपी एमएलए कोर्ट में निगरानी दाखिल है, जिसकी तारीख 10 जुलाई निश्चित है. विधायक ने कोर्ट के आदेश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में दो हजार अर्थ दंड जमा कर दिया.

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