UP News: समाजवादी पार्टी के सुल्तानपुर से सांसद रामभुआल निषाद की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं. फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में गोरखपुर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (MP-MLA) ज्ञानेंद्र कुमार ने रामभुआल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद वो कोर्ट में पेश नहीं हुए. जिस पर अब कोर्ट ने पुलिस से उन्हें कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल ये मामला 25 जनवरी 2020 को गोरखपुर के तत्कालीन DM के आदेश पर दर्ज हुआ था. असलहा बाबू सुनील कुमार गुप्ता ने बड़हलगंज थाना क्षेत्र के दवनाडीह निवासी रामभुआल निषाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि रामभुआल ने गलत और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर लाइसेंस संख्या 3912 डीबीबीएल गन का उपयोग किया. यह लाइसेंस मूल रूप से 19 जुलाई 1996 को बेचू यादव (पुत्र महेंद्र यादव, मुंडेरा बाबू, थाना बड़हलगंज, गोरखपुर) के नाम पर जारी किया गया था. जांच में पता चला कि बेचू यादव की मृत्यु हो चुकी है, और उनके लाइसेंस का दुरुपयोग कर रामभुआल निषाद द्वारा गन रखी जा रही थी. इसकी शिकायत दारा यादव ने डीएम से की थी, जिसके बाद डीएम की जांच में आरोप सही पाए गए.
कोर्ट का सख्त रुख
इस मामले अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र कुमार ने रामभुआल निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन बार-बार नोटिस के बावजूद भी सुल्तानपुर सांसद रामभुआल निषाद कोर्ट में पेश नहीं हुए. इस कारण अब कोर्ट ने सख्त कदम उठाया है. कोर्ट ने गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर रामभुआल को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही बड़हलगंज थाना प्रभारी को भी नोटिस जारी किया गया है.
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
डीएम की जांच में रामभुआल पर लगे आरोपों की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू की थी. अब कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस को सांसद को कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी दी गई है. इस मामले में आगे कोर्ट क्या फैसला लेगी वो रामभुआल की पेशी के बाद ही पता चलेगा.
रामभुआल निषाद का राजनीतिक सफर
रामभुआल निषाद गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र के दवनाडीह गांव के निवासी हैं. निषाद समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रामभुआल ने 1984 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है. राजनीतिक सफर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की और 2007 में मायावती सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री रहे. 2012 में वे भाजपा में शामिल हुए, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी में चले गए. 2024 में सपा के टिकट पर सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने. इलाके में उनकी निषाद समुदाय में मजबूत पकड़ है.
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