अखिलेश सरकार में गड़बड़ी के आरोपों की जांच बंद कर देगी CBI? UPPSC को दी चेतावनी, कहा- हमको…

by Carbonmedia
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UP News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस-2015 और एपीएस-2010 भर्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जांच एजेंसी ने UPPSC के असहयोग से नाराज़ होकर अब जांच बंद करने की चेतावनी दी है.
सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखते हुए कहा है कि यदि आयोग 30 दिनों के भीतर जांच से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराता, तो एजेंसी इन मामलों की जांच समयपूर्व बंद करने को विवश हो सकती है. उन्होंने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है.
चार साल से मिल रहा आंशिक सहयोग, कई पत्रों के बावजूद निष्क्रियता बरकरारसीबीआई निदेशक के अनुसार, एजेंसी ने बीते चार वर्षों में आयोग को कई बार पत्र भेजे और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत अभियुक्त अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी, लेकिन आयोग की ओर से न तो स्पष्ट अनुमति दी गई और न ही सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए गए.
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस विलंब का असर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित मामलों की सुनवाई पर पड़ रहा है, जहाँ समय-समय पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी जाती है. जांच में प्रगति न होने से एजेंसी की साख पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं.
कब शुरू हुई थी जांच?योगी सरकार ने 31 जुलाई 2017 को अखिलेश यादव सरकार (2012-17) के दौरान घोषित UPPSC परीक्षाओं के परिणामों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद सीबीआई ने 5 मई 2018 को पीसीएस-2015 भर्ती और 4 अगस्त 2021 को एपीएस-2010 भर्ती में गड़बड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज की थी.
इन मामलों में आयोग के तत्कालीन सिस्टम एनालिस्ट गिरीश गोयल, अनुभाग अधिकारी विनोद कुमार सिंह और समीक्षा अधिकारी लाल बहादुर पटेल समेत अन्य के नाम सामने आए हैं.
UPPSC की सफाईUPPSC के सचिव अशोक कुमार ने सीबीआई के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दस्तावेजों की संख्या काफी अधिक है और उनकी नंबरिंग, प्रतिलिपि आदि में समय लग रहा है. उन्होंने दावा किया कि आयोग द्वारा दस्तावेज नियत समय पर सीबीआई को उपलब्ध कराए जा रहे हैं और शेष अभिलेख भी जल्द सौंप दिए जाएंगे.
साथ ही उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के खिलाफ जांच की अनुमति को लेकर उच्च स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है.

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