अगस्त में आ सकता है विक्रम सोलर का IPO:कंपनी के चेयरमैन बोले- सप्लाई चेन मजबूत होने से प्रोडक्ट सस्ते होंगे, पढ़े पूरा इंटरव्यू

by Carbonmedia
()

विक्रम सोलर का आईपीओ अगस्त में आ सकता है। कंपनी ने 30 सितंबर 2024 को सेबी के पास अपना DRHP दाखिल किया था। 29 मई 2025 को इसे मंजूरी मिली थी। ये कंपनी सोलर पैनल बनाती है और साथ ही सोलर एनर्जी सॉल्यूशंस, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) सर्विसेज और ऑपरेशन-मेंटेनेंस (OM) सर्विसेज भी देती है। इस आईपीओ से पहले कंपनी के चेयरमैन और एमडी ज्ञानेश चौधरी से बात की। यहां हम उनसे बातचीत के अंश और आने वाले आईपीओ की डिटेल्स बता रहे हैं… सवाल 1: भारत ने 100 GW सोलर कैपेसिटी का आंकड़ा पार कर लिया है। ये उपलब्धि कितनी बड़ी है? जवाब: ये वाकई एक बहुत बड़ी कामयाबी है। कुछ साल पहले तक कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत इतनी जल्दी सौर ऊर्जा में इतना आगे निकल जाएगा। ये न सिर्फ हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का मामला है, बल्कि ये दिखाता है कि भारत अब क्लीन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है। ये गर्व की बात है कि हमारी सोलर इंडस्ट्री अब दुनिया में अपनी जगह बना रही है। सवाल 2: सोलर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम क्या है और ये इतना जरूरी क्यों है? जवाब: देखिए, सोलर मैन्युफैक्चरिंग सिर्फ सोलर पैनल बनाने तक सीमित नहीं है। इसके पीछे एक पूरी सप्लाई चेन है- पॉलीसिलिकॉन, इंगॉट्स, वेफर्स, सेल्स, मॉड्यूल्स और बैलेंस ऑफ सिस्टम (BOS) जैसे तमाम कंपोनेंट्स। अगर हमें सच्ची आत्मनिर्भरता चाहिए तो इन सारी चीजों का भारत में ही प्रोडक्शन होना चाहिए। अभी हम काफी हद तक मॉड्यूल्स बना रहे हैं, लेकिन बाकी कंपोनेंट्स के लिए आयात पर निर्भर हैं। अगर हम पूरी सप्लाई चेन को मजबूत करें तो न सिर्फ हमारी लागत कम होगी, बल्कि हम दुनिया में सोलर प्रोडक्ट्स के बड़े एक्सपोर्टर भी बन सकते हैं। सवाल 3: भारत सरकार की नीतियों ने इस सेक्टर को कितना सपोर्ट किया है? जवाब: सरकार का रोल बहुत अहम रहा है। बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (BCD), अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स (ALMM) और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने भारतीय कंपनियों को बड़ा बूस्ट दिया है। इन नीतियों की वजह से हम जैसे मैन्युफैक्चरर्स अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने और नई टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। लेकिन अभी और काम करना बाकी है। जैसे, PLI का पैसा समय पर मिलना, ALMM में नई टेक्नोलॉजी को शामिल करना और इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करना। ये सब मिलकर सोलर सेक्टर को अगले लेवल पर ले जाएगा। सवाल 4: आपने आत्मनिर्भर भारत की बात की। सोलर सेक्टर में हम इसके कितना करीब है? जवाब: पहले हम सोलर प्रोडक्ट्स के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर थे, लेकिन आज भारत में सोलर मॉड्यूल्स की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ रही है। विक्रम सोलर जैसे कई देसी प्लेयर्स अब 32 देशों में अपने प्रोडक्ट्स भेज रहे हैं। लेकिन अभी हमें पॉलीसिलिकॉन और वेफर्स जैसे क्रिटिकल कंपोनेंट्स के लिए भी अपने प्रोडक्शन को बढ़ाना होगा। इसके लिए हमें मजबूत फाइनेंशियल सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और स्किल्ड मैनपावर चाहिए। अगर ये सब सही दिशा में हुआ, तो भारत सोलर टेक्नोलॉजी में दुनिया का लीडर बन सकता है। सवाल 5: विक्रम सोलर की कैपेसिटी कितनी है और आगे क्या प्लान है? जवाब: हमारी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी अभी 3 गीगावाट है और हम इसे 6 गीगावाट तक ले जाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा हम अपनी सब्सिडियरी VSL ग्रीन पावर के जरिए नया 3 गीगावाट का सोलर सेल और मॉड्यूल प्लांट भी लगा रहे हैं। हमारा फोकस है कि भारत में बने प्रोडक्ट्स न सिर्फ क्वालिटी में बेस्ट हों, बल्कि कीमत में भी कॉम्पिटिटिव हों। सवाल 6: सोलर सेक्टर में चुनौतियां क्या हैं और उनका समाधान कैसे होगा? जवाब: चुनौतियां तो हैं। जैसे ग्लोबल सप्लाई चेन में दिक्कतें, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और कॉम्पिटिशन। इसके अलावा हमें स्किल्ड वर्कफोर्स और लॉजिस्टिक्स को और बेहतर करना होगा। समाधान की बात करें, तो सरकार और इंडस्ट्री को मिलकर काम करना होगा। सोलर पार्क, रीजनल मैन्युफैक्चरिंग हब और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स इस दिशा में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। साथ ही, हमें नई टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी जोर देना होगा, ताकि हमारे प्रोडक्ट्स ग्लोबल मार्केट में टिक सकें। सवाल 7: निवेशकों और आम लोगों के लिए आपका क्या मैसेज है? जवाब: सोलर एनर्जी भारत का भविष्य है और ये ऐसा सेक्टर है जिसमें ग्रोथ की कोई कमी नहीं है। निवेशकों के लिए मेरा मैसेज है कि वो सोलर सेक्टर की पोटेंशियल को समझें और स्मार्ट तरीके से निवेश करें। आम लोगों से मैं कहूंगा कि सोलर एनर्जी को अपनाएं। ये सिर्फ बिजली बचाने की बात नहीं है, बल्कि हमारे देश और पर्यावरण को बेहतर बनाने की बात है। सवाल 8: आखिरी सवाल, विक्रम सोलर का अगला बड़ा कदम क्या है? जवाब: हमारा फोकस है कि भारत को सोलर मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल लीडर बनाया जाए। हम अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी और रिसर्च में भी निवेश कर रहे हैं। हमारा हालिया IPO इसका एक बड़ा हिस्सा है। इसके जरिए हम नई फैसिलिटीज बनाएंगे और सप्लाई चेन को मजबूत करेंगे। हम चाहते हैं कि भारत का नाम सोलर टेक्नोलॉजी में दुनिया में सबसे आगे हो। आईपीओ की डिटेल्स: कितना बड़ा है ये ऑफर? विक्रम सोलर आईपीओ के जरिए 1500 करोड़ रुपए तक जुटाने की योजना बना रही है। इसमें दो हिस्से हैं: इसके अलावा, कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए 300 करोड़ रुपए तक और जुटाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो फ्रेश इश्यू की रकम से ये हिस्सा घटा दिया जाएगा। पैसे का इस्तेमाल कहा होगा? विक्रम सोलर आईपीओ से जुटाए पैसों में से… कब आएगा आईपीओ? विक्रम सोलर ने 30 सितंबर 2024 को बाजार नियामक सेबी के पास अपना DRHP दाखिल किया था और 29 मई 2025 को इसे सेबी से मंजूरी मिल चुकी है। ये आईपीओ अगस्त 2025 में शेयर बाजार में लिस्ट हो सकता है। हालांकि, आईपीओ की सटीक तारीख, प्राइस बैंड और लॉट साइज जैसी डिटेल्स अभी घोषित नहीं हुई हैं। क्या है चुनौतियां? विक्रम सोलर के साथ कुछ रिस्क फैक्टर्स भी हैं: निवेशकों के लिए सलाह अगर आप विक्रम सोलर के आईपीओ में निवेश की सोच रहे हैं, तो दो बातों का ध्यान रखें: 2005 में ज्ञानेश चौधरी ने बनाई थी विक्रम सोलर विक्रम सोलर भारत की टॉप सोलर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल बनाने वाली कंपनियों में से एक है। इसे साल 2005 में ज्ञानेश चौधरी ने बनाया था। ये कंपनी सोलर पैनल बनाती है और साथ ही सोलर एनर्जी सॉल्यूशंस, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) सर्विसेज और ऑपरेशन-मेंटेनेंस (OM) सर्विसेज भी देती है। कंपनी के पास पश्चिम बंगाल के फालटा और तमिलनाडु के पानीयार में दो बड़े मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। इनकी कुल क्षमता 3 गीगावाट (GW) है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment