महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार (6 जून) को कहा कि उनके सीएम रहते लाई गई ‘लाडकी बहिन योजना’ कभी बंद नहीं होगी. एकनाथ शिंदे ने कहा कि ‘लाडकी बहिन योजना’ से राज्य सरकार को कोई परेशानी नहीं है. इसलिए यह योजना कभी बंद नहीं होगी. राज्य सरकार ने इस योजना के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं. हर महीने 1500 रुपये दिए जाते हैं.
लाडकी बहिन योजना को जल्दबाजी में लागू किया गया- अजित पवार
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कुछ दिन पहले दिए एक बयान में कहा था कि ‘लाडकी बहिन योजना’ को जल्दबाजी में बिना आंकलन के लागू कर दिया गया. योजना के लिए सरकार को फंड जुटाने में परेशानी आ रही है. पवार के इस बयान के बाद इस योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
अब सरकार के पास फंड की कमी है- कांग्रेस
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि विधानसभा चुनाव में लाभ के लिए एकनाथ शिंदे ने जल्दीबाजी में ‘लाडकी बहिन योजना’ को लागू किया था. राज्य सरकार को अब इस योजना के लिए फंड इकट्ठा करने में दिक्कत आ रही है. जब योजना लागू की गई थी, तब दलित मंत्रालय, जनजाति मंत्रालय और महिलाओं के कल्याण से जुड़ी कई परियोजनाओं से पैसा निकालकर इसमें फंड डाला गया. लेकिन अब सरकार के पास फंड की कमी है.
सरकारी अधिकारियों ने भी पैसे बनाए- चव्हाण
पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि जिस समय यह योजना लागू की गई, उस समय उनको भी इसका लाभ मिला जो इसके पात्र नहीं थे. सरकारी अधिकारियों ने भी पैसे बनाए. इसकी जांच सरकार को करानी चाहिए.
फडणवीस सरकार पर विपक्ष हमलावर
’लाडकी बहिन योजना’ के तहत पात्र महिलाओं को विधानसभा चुनाव से पहले प्रतिमाह 1500 रुपए मिलते थे. शिंदे सरकार ने वादा किया था कि सत्ता में लौटने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 2100 कर दिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के गठबंधन वाली महायुति चुनाव जीत गई. महीनों पहले मंत्रिमंडल का गठन हो गया, लेकिन वादे के मुताबिक योजना की राशि नहीं बढ़ी है. इसी वजह से विपक्ष देवेंद्र फडणवीस सरकार पर हमलावर है.