अडाणी पावर का मुनाफा 13% घटकर ₹3,385 करोड़:पहली तिमाही में रेवेन्यू ₹14,109 करोड़ रहा, निवेशकों को 1 के बदले 5 शेयर मिलेंगे

by Carbonmedia
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अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर लिमिटेड की पहली तिमाही में टोटल इनकम 14,574 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में करीब 6% कम है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 14,109 करोड़ रुपए रहा। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 10,369 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 899 करोड़ रुपए रहा। टोटल इनकम में से खर्च, टैक्स और अन्य खर्चे घटा दें, तो कंपनी को पहली तिमाही में 3,385 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 13.49% घटा है। अडाणी पावर ने शुक्रवार (1 अगस्त) को अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY26, पहली तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी निवेशकों को 1 के बदले 5 शेयर देगी रिजल्ट के साथ ही कंपनी ने ₹10 की फेस वैल्यू के हर शेयर को पांच हिस्सों में यानी ₹2 की फेस वैल्यू वाले 5 शेयरों में तोड़ने यानी 1:5 रेश्यो में स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है। यानी स्प्लिट के बाद कंपनी के निवेशकों को 1 शेयर के बदले 5 शेयर मिलेंगे। हालांकि, अभी इस स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स नहीं की गई है और इसे कंपनी के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेने के बाद तय किया जाएगा। FY26 की पहली तिमाही में अडाणी पावर का मुनाफा 13% घटा सालाना आधार पर तिमाही आधार पर नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं। कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। इस साल में अब तक शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा? रिजल्ट के बाद अडाणी पावर का शेयर आज 1.83% की गिरावट के साथ 577.35 रुपए पर कारोबार कर रहा है। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 1% चढ़ा है। वहीं 1 महीने में कंपनी का शेयर 2% गिरा और 6 महीने में 15% चढ़ा है। एक साल में कंपनी का शेयर करीब 22% गिरा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 2.23 लाख करोड़ रुपए है। 1996 में हुई थी अडाणी पावर की शुरुआत अडाणी पावर लिमिटेड (APL) की शुरुआत 22 अगस्त 1996 में हुई थी। यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। कंपनी के पास 15,250 मेगावॉट पावर जनरेशन की क्षमता है। इसके थर्मल प्लांट्स गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में हैं। वहीं, गुजरात में 40 मेगावॉट कैपेसिटी का सोलर प्लांट है। क्योटो प्रोटोकॉल के क्लीन डेवलपमेंट मीशन (CDM) के तहत रजिस्टर्ड कोयला-बेस्ड सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी है।

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