निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में बड़ी राहत दी है. अब इस पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से महासचिव डॉ. अरविंद राजभर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान – फैसले को न्याय संगत बताया है. उन्होंने कहा की- यह अच्छी बात है. जनता में एक संदेश गया कि सरकार और न्यायालय पक्षपात नहीं करते है. इलाहाबाद हाई कोर्ट को धन्यवाद देता हूँ और विधायक जी को भी. उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या. 2027 में मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अब्बास अंसारीफिर से प्रत्याशी होंगे , डॉक्टर अरविंद ने कहा कि – फिलहाल अभी 2027 का प्रत्याशी चुनने में वक्त है. लेकिन इतना जरूर है कि इस पर संगठन विचार करके फैसला लेगा, समाज और जनता के हित में जो उचित फैसला होगा उस पर निर्णय लिया जाएगा.
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क्यों चली गई थी अब्बास अंसारी की विधायकी?
हाईकोर्ट ने 20 अगस्त 2025, बुधवार को अब्बास अंसारी की याचिका की मंजूर करते हुए एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ से 2 साल की सजा की रद्द रद्द कर दी. अब्बास अंसारी ने सजा रद्द किए जाने की मांग में याचिका दाखिल की थी.
याचिका स्वीकार होने के बाद अब अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी. इस फैसले के बाद अब मऊ की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 जुलाई को फैसला रिजर्व कर लिया था.
वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट मऊ ने 31 मई को 2 वर्ष की सजा और 3000 जुर्माना लगाया था. इसी आधार पर 1 जून 2025 को अब्बास अंसारी की विधायकी चली गई थी.
जिला जज मऊ की अदालत ने 5 जुलाई को अपील खारिज कर दी थी. अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला जज मऊ के आदेश को चुनौती दी थी.
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