एचआईवी की रोकथाम में मेडिकल साइंस को बड़ी कामयाबी मिली है. अमेरिकी में एक ऐसे इंजेक्शन को मंजूरी दी गई, जिसे साल में दो बार लगवाने से इस वायरस से बचाव किया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं. आइए जानते हैं ये इंजेक्शन क्या है और एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में कितना कारगर है…
अमेरिका में दी गई अनुमति
अमेरिका के एफडीए विभाग ने गिलियड साइंसेज के इंजेक्शन लेनाकापाविर को अनुमति दी है. एचआईवी की रोकथाम के लिए ये इंजेक्शन साल में दोबार लगाया जाएगा. ये प्रि‑एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस या प्रेप की स्थिति में दिया जाता है. ये पहला ऐसा इंजेक्शन है, जिसकी हर छह महीने में एक डोज से एचआईवी संक्रमण से बचाव किया जा सकता है. ट्रायल के दाैरान संक्रमण से बचाने में ये इंजेक्शन 99.9 परसेंट तक असरदार साबित हुआ था.
इस तरह किए गए ट्रायल
कंपनी की ओर से दो बार क्लीनिकल ट्रायल की गईं. इसमें पहले ट्रायल में दो हजार से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया. महिलाओं पर इस दवा के क्लीनिक ट्रायल के 100 परसेंट असरदार नतीजे सामने आए. वहीं दूसरे ट्रायल में पुरुषों को शामिल किया गया. इनमें सिर्फ दो में इंफेक्शन पाया गया. 99.9 परसेंट ये दवा एचआईवी से बचाव में कारगर साबित हुई.
अब तक क्या स्थिति थी?
एचआईवी से बचाव के लिए क्या अब तक कोई दवा नहीं थी? ऐसा नहीं है, दवा थी. लेकिन वर्तमान में एचआईवी से बचने के लिए रोजाना गोलियां या हर दूसरे महीने इंजेक्शन लेने की आवश्यकता होती थी.
कीमत हो सकती हैं पहुंच से बाहर
एचआईवी की रोकथाम की नई दवा इंजेक्शन लेनाकापाविर काफी महंगी है. रिपोर्ट की मानें तो इसकी साल की डोज 28 हजार डाॅलर से अधिक की है. ऐसे में ये एक आम आदमी की पहुंच से दूर हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लेनाकापाविर मेडिकल फील्ड में मील का पत्थर साबित हो सकती है. इसकी अत्यधिक प्रभावशीलता से एचआईवी रोकथाम के तरीके में क्रांति आ सकती है. लेकिन ये जरूरी है कि यह सस्ती दर में लोगों को उपलब्ध हो. तभी इसका सही फायदा मिल सकेगा.
एचआईवी से इस तरह भी करें बचाव
नियमित तौर पर एचआईवी टेस्ट करवाएं
फिजिकल रिलेशन से पहले लेटेक्स कंडोम का यूज करें
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों का टेस्ट और इलाज करवाएं
सैलून में नया ब्लेड ही इस्तेमाल करने को कहें
इंजेक्शन लगवाते या ब्लड टेस्ट सैंपल देते समय ध्यान दें कि नया पैकेट खोलकर ही सीरिंज निकाली जाए. स्टेरेलाइज्ड सिरिंज इस्तेमाल करने से बचें.
टैटू करवाते समय न्यू नीडल ही यूज करवाएं
एचआईवी कैसे फैलता है?
असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून या इंजेक्शन से एचआईवी की चपेट में आ सकते हैं. एचआईवी संक्रमित मां से गर्भ में और ब्रेस्ट फीडिंग के दाैरान बच्चे को संक्रमण हो सकता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.