Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर गृह मंत्रालय (एमएचए) ने तीर्थयात्रा मार्गों और आस-पास के इलाकों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती को मंजूरी दे दी है. यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए हैं. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.
कितनी होगी जवानों की संख्या?
आतंकी हमले के बाद यात्रा पर हमले के खतरे के खुफिया अलर्ट को देखते हुए, इस साल अमरनाथ यात्रा के मार्गों और रास्तों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने 58 हजार अतिरिक्त जवानों की मंजूरी दी है. यह संख्या कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में पहले से ही तैनात जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के अतिरिक्त होगी.
सूत्रों ने बताया है कि इस साल यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 581 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सुरक्षा बलों को ‘तुरंत’ रवाना होने और जून के दूसरे सप्ताह तक जम्मू-कश्मीर में मोर्चा संभालने का निर्देश दिया है. अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त को समाप्त होगी.
किस बल के कितने जवान?
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस को क्षेत्र में पहले से ही तैनात 156 सीएपीएफ कंपनियों का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया है.
इनमें सीआरपीएफ की 91, एसएसबी की 30, सीआईएसएफ की 15, बीएसएफ की 13 और आईटीबीपी की 7 इकाइयां शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में करीब 75 से 80 जवान हैं.
गृह मंत्रालय 10 जून तक अतिरिक्त 425 कंपनियां भेजेगा, जिसमें 130 बीएसएफ, 128 सीआरपीएफ (5 महिला इकाइयों सहित), 67 एसएसबी, 55 आईटीबीपी और 45 सीआईएसएफ कंपनियां शामिल होंगी.
9 अगस्त को यात्रा के समापन तक ये बल ड्यूटी पर रहेंगे, जिसके बाद उन्हें हटा दिया जाएगा. तैनात बलों को गुफा मंदिर की सुरक्षा, तीर्थयात्रियों के काफिले का प्रबंधन, संवेदनशील हिस्सों पर नियंत्रण और बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर निरंतर उपस्थिति बनाए रखने का काम सौंपा जाएगा.