पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तीन जुलाई से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से करवाने के लिए पंजाब पुलिस एक्टिव हो गई । यात्रा के दौरान जम्मू एवं कश्मीर की ओर जाने वाली सभी सड़कों की जिम्मेदारी कमांडेंट स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है। माधोपुर में 24 घंटे संचालित कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है, जिसकी निगरानी एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जा रही है। यह जानकारी पंजाब के स्पेशल डीजीपी पंजाब अर्पित शुक्ला ने दी। इस दौरान उन्होंने पठानकोट में सेना व विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की मीटिंग में हिस्सा लिया। 9 अगस्त तक चलेगी यात्रा इस साल श्री अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से प्रारंभ होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस वार्षिक यात्रा में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनमें से कई श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर स्थित पवित्र गुफा जाने के लिए विशेष रूप से पंजाब के पठानकोट जिले से होकर गुजरते हैं।स्पेशल डीजीपी ने वार्षिक तीर्थ यात्रा हेतु सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा और पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, सेना, सिविल प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा एवं समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। पाकिस्तान से लगती है 26.385 किमी सीमा स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि पठानकोट की रणनीतिक स्थिति, जो पाकिस्तान के साथ 26.385 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और जहां महत्वपूर्ण रक्षा इकाइयां स्थित हैं। इसी चीज को देखते हुए सुरक्षा में अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा को और मजबूत करते हुए जम्मू एवं कश्मीर की ओर जाने वाली सभी सड़कों की जिम्मेदारी कमांडेंट स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है। यात्रा मार्ग को सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है ताकि 24 घंटे जमीनी स्तर पर निगरानी और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। इन चीजों पर किया जाएगा फोकस संभावित खतरों की पहचान और उन्हें समय रहते रोकने के लिए रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, लंगर स्थलों, धार्मिक स्थलों और पूरे यात्रा मार्ग सहित संवेदनशील स्थानों पर प्रतिदिन एंटी-सबोटाज और सुरक्षा जांच की जा रही है पठानकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दलजिंदर सिंह ढिल्लों की निगरानी में सुरक्षा प्रबंध लागू किए जा रहे हैं। डीजीपी ने संबंधित अधिकारियों को भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), जम्मू एवं कश्मीर पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मजबूत समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए मोबाइल निगरानी यूनिट, हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आधारित हवाई निगरानी, जीपीएस समर्थित गश्त और रियल-टाइम रिपोर्टिंग प्रणाली जैसे अतिरिक्त तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस को करेंगे सूचित पुलिस द्वारा यात्रा मार्ग के पेट्रोल पंप, ढाबा, होटल, गेस्ट हाउस और सड़क किनारे स्थित अन्य प्रतिष्ठानों के मालिकों एवं स्टाफ को विशेष जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे किसी भी असामान्य गतिविधि, संदिग्ध वस्तु या अज्ञात व्यक्ति की सूचना तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन को दे सकें।
अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर रहेगा फोकस:सड़कों की जिम्मेदारी कमांडेंट स्तर के अफसरों को, माधोपुर में कंट्रोल सेंटर स्थापित
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