पंजाब के अमृतसर में शहर और आसपास के कस्बों में खाली प्लाटों में जमा हो रहे कूड़े-कचरे और गंदे पानी को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिला मजिस्ट्रेट कम डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी प्लाट मालिक अपने खाली प्लाटों की तुरंत सफाई करवाएं, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जारी आदेशों में कहा गया है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में बहुत से ऐसे खाली प्लाट हैं जो व्यक्तिगत स्वामित्व या कब्जे में हैं। इन प्लाटों में लंबे समय से कूड़ा-कचरा और गंदा पानी जमा होता रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को पनपने का मौका मिल रहा है। इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार मच्छर व अन्य हानिकारक जीव इन्हीं जगहों पर पैदा होते हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर और जानलेवा खतरा बन चुके हैं। चारदीवारी या फेंसिंग बनाना भी अनिवार्य जिला मजिस्ट्रेट ने आदेशों में यह भी कहा कि खाली प्लाटों की चारों ओर पक्की चारदीवारी या फेंसिंग अवश्य की जाए ताकि दोबारा गंदगी जमा न हो सके। यदि कोई व्यक्ति अपने प्लाट की नियमित देखरेख नहीं करता और वहाँ गंदगी फैलने देती है, तो उसके खिलाफ न केवल जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि अपराधिक मामला भी दर्ज हो सकता है। नगर निगम व ADC को जिम्मेदारी साक्षी साहनी ने कमिश्नर, नगर निगम अमृतसर और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में इन आदेशों का कड़ाई से पालन करवाएं। यदि किसी प्लाट की सफाई नगर निगम या संबंधित नगर परिषद / पंचायत द्वारा करवाई जाती है, तो उसका पूरा खर्च संबंधित प्लाट मालिक या कब्जाधारी से वसूला जाएगा। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 2023 की धारा 163 के तहत पारित किए गए हैं, जो आगले आदेशों तक जारी रहेंगे।
अमृतसर में डेंगू-मलेरिया के खिलाफ सख्ती:खाली प्लाटों की गंदगी व खड़े पानी पर कार्रवाई होगी; सफाई खर्च प्लाट मालिक से वसूलेगा निगम
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