अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बिजली बोर्ड के निजीकरण के विरोध में धरना दिया। सोमवार को बिजली मुख्य अभियंता, बॉर्डर जोन के कार्यालय के सामने आयोजित इस धरने का नेतृत्व राज्य नेता सरवन सिंह पंधेर और जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर बाला ने किया। राज्य नेता गुरबचन सिंह चब्बा और जरमनजीत सिंह बंडाला ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार बिजली निजीकरण में केंद्र सरकार का अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जनहित के विरुद्ध काम कर रही है। कंपनियों को मुनाफा कमाने की छूट जिला नेताओं ने बताया कि बिजली एक्ट 2003 के तहत निजी कंपनियों को 16 प्रतिशत तक मुनाफा कमाने की छूट दी गई है। साथ ही बिजली उत्पादन के अधिकार भी निजी कंपनियों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निजी थर्मल प्लांट से महंगी बिजली खरीद कर जनता के पैसों की बर्बादी कर रही है। बिजली खरीद समझौते रद्द करने का वादा अधूरा जिला नेताओं ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले बिजली खरीद समझौते रद्द करने का वादा किया था। लेकिन अब 2020 से केंद्र के निर्देश पर बिजली बोर्ड को निजी कंपनियों को बेचने की तैयारी कर रही है। नेताओं ने बताया कि किसान, मजदूर, दुकानदार सहित सभी वर्ग इस नीति का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2023 के बिजली संशोधन बिल को अब मानसून सत्र में बिजली संशोधन बिल 2025 के रूप में लाया जा रहा है, जिसके तहत बिजली की दरें और आपूर्ति तय करने के अधिकार भी निजी कंपनियों को दिए जा रहे हैं। घरों में प्रीपेड मीटर लगाने का ऐलान जिला नेता कुलजीत सिंह काले ने कहा कि इस नीति के तहत प्रीपेड मीटर भी लाए गए हैं और केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया है कि सभी कर्मचारियों और सरकारी संस्थानों के घरों में और उसके बाद से आम उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाने का ऐलान किया गया है। धरने में इन लोगों ने दिया समर्थन इस मौके पर अन्य नेताओं ने कर्मचारियों, दुकानदारों, नागरिकों, छात्रों, मजदूरों और किसानों का समर्थन के लिए धन्यवाद किया और अपील की कि इस संघर्ष को और आगे ले जाने की ज़रूरत के चलते बड़े स्तर पर लामबंदी की जाए ताकि पंजाब और केंद्र सरकार को बिजली बोर्ड को बेचने से रोका जा सके। लैंड पूलिंग नीति का विरोध सोमवार की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि पंजाब सरकार द्वारा लाई गई लैंड पूलिंग नीति बेहद खतरनाक, किसान विरोधी और पंजाब विरोधी नीति है जिसका बड़े स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए।
दूसरे प्रस्ताव में पारित किया गया कि भारत और अमेरिका के बीच हुए शुल्क मुक्त व्यापार समझौते भारत की पूरी आबादी के कारोबार को तबाह करने का काम करेंगे। सरकार को इनसे परहेज करना चाहिए, अन्यथा संघर्ष के लिए बड़े स्तर पर लामबंदी शुरू की जाएगी। तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ युद्ध के नाम पर चलाए जा रहे नशा मुक्ति कार्यक्रम पूरी तरह से असफल रहे हैं, इसलिए सरकार को इस ओर गंभीर रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अमृतसर, जालंधर, गुरदासपुर, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर, कपूरथला, मुक्तसर, लुधियाना, मोगा, फाजिल्का, पठानकोट, फरीदकोट, बठिंडा में प्रदर्शन किए गए। इस मौके पर जिला, जोन और गांव स्तर के नेताओं के अलावा हजारों की संख्या में किसान, मजदूर और महिलाएं शामिल हुईं। बारिश में भी प्रदर्शनकारी डटे रहे।
अमृतसर में बिजली बोर्ड के निजीकरण का विरोध:किसान मजदूर संघर्ष समिति का धरना, बारिश में भी डटे रहे प्रदर्शनकारी
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