Delhi Kashmir Indigo Flight Turbulence Case: दिल्ली से कश्मीर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 21 मई, 2025 को टर्बुलेंस में फंस गई थी, जिसके बाद श्रीनगर में इसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. डीजीसीए ने दो पायलटों को फ्लाइट उड़ाने से रोक दिया है. मामले में अब कई परतें खुल रही हैं, जिसमें पाकिस्तानी एंगल भी सामने आया और भारतीय वायुसेना की नाराजगी की बात भी खुली है.
दरअसल, ये फ्लाइट जब अमृतसर से गुजर रही थी तभी पायलट ने हल्का टर्बुलेंस महसूस किया था. अगर ऐसा था तो पायलटों ने इसे अमृतसर में ही लैंड क्यों नहीं कराया. उन्होंने रास्ते में वायुसेना के उत्तरी नियंत्रण से बाईं ओर यानि कि इंटरनेशनल बॉर्डर जाने की रिक्वेस्ट की थी लेकिन उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई. इसके बाद इन लोगों ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से एयरस्पेस में घुसने की परमिशन मांगी, लेकिन नोटम की वजह से यहां से भी मना कर दिया गया.
वायुसेना ने ही कराई श्रीनगर में सुरक्षित लैंडिंग
सूत्रों के मुताबिक, इंडिगो की 6ई-2142 फ्लाइट की दिल्ली से श्रीनगर उड़ान के बीच पठानकोट के करीब मौसम में खराबी सामने आई थी. इस दौरान पायलट ने उधमपुर स्थित भारतीय वायुसेना के नॉर्दन एरिया कंट्रोल सेंटर (नॉर्दन कंट्रोल) से पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) की एयरस्पेस में उड़ान की परमिशन मांगी थी. फिलहाल इस मामले की कई एंगल से जांच की जा रही है और पायलटों पर फ्लाइट उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
भारतीय वायुसेना किस बात से है नाराज?
श्रीनगर में सुरक्षित लैंडिंग कराने में इंडियन एयरफोर्स ने भी पायलट की मदद की थी. भारतीय वायुसेना पायलट की इस बात से नाराज है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तानी एयरस्पेस के इस्तेमाल करने की इजाजत मांगना अनुचित था. वायुसेना का मानना है कि पायलट के पास अमृतसर एयरपोर्ट पर फ्लाइट को लैंड कराने का ऑप्शन था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. पाकिस्तान में भारतीय विमानों के लिए जारी नोटम (नोटिस टू एयरमैन) के बावजूद, पायलट ने लाहौर एयर-स्पेस में उड़ान की इजाजत मांगी थी.
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