अमेरिका के ऑफिशियल्स ट्रेड डील को लेकर 25 अगस्त को भारत आएंगे। यहां दोनों देशों के बीच होने वाले बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर छठे राउंड की चर्चा होगी। यह खबर ऐसे समय आई है, जब दोनों देश 1 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतरिम ट्रेड डील को फाइनल करने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के सस्पेशन पिरियड की आखिरी तारिख भी 1 अगस्त ही है। दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड एग्रिमेंट्स के पहले चरण को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी तलाशी जा रही है। इससे पहले ट्रेड डील को लेकर वार्ता का पिछला राउंड वाशिंगटन में हुआ था। जहां भारत के चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और साउथ एंड सेंट्रल एशिया के लिए US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के असिस्टेंट ब्रेंडन लिंच ने विस्तृत चर्चा की थी। जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आ रही है, दोनों देश टैरिफ और शुल्क रियायतों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए उत्सुक हैं। कृषि और डेयरी पर भारत का सख्त रुख भारत ने कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स पर शुल्क में छूट देने से साफ इनकार कर दिया है, जिसकी मांग अमेरिका लगातार कर रहा है। भारतीय किसान संगठनों ने भी सरकार से आग्रह किया है कि ट्रेड एग्रीमेंट में कृषि से जुड़े मुद्दों को शामिल न किया जाए। भारत की प्राथमिकता 26% एडिशनल टैरिफ को हटाने और स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर टैरिफ में राहत देने की है। ये मुद्दे चर्चा के केंद्र में हैं। इसके अलावा वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) नियमों के तहत जवाबी शुल्कों के साथ इन पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा भारत कई लेबर इंटेंसिव सेक्टर यानी श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे- फैब्रिक, अपेरल, जेम्स एंड ज्वेलरी, लेदर, प्लास्टिक, केमिकल्स, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले पर भी अमेरिका से शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। ट्रेड डील में अमेरिका की मांगें अमेरिका इंडस्ट्रियल गुड्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, वाइन और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स पर शुल्क में छूट चाहता है। इसके अलावा, वह कृषि, डेयरी, सेब, मेवे और जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों पर भी शुल्क रियायत की उम्मीद कर रहा है। लेकिन भारत के लिए यह अमेरिका की यह डिमांड मानना मुश्किल है। अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारत पर 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय इंपोर्ट पर 26% तक का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था, जिसे 90 दिनों के लिए सस्पेंड किया गया था। हालांकि, 10% का बेस टैरिफ अभी भी लागू है। भारत एडिशनल 26% टैरिफ से छूट चाहता है। भारत-अमेरिका के बीच तेजी से बढ़ रहा व्यापार भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। अप्रैल-जून तिमाही में भारत का अमेरिका को गुड्स एक्सपोर्ट 22.8% बढ़कर 25.51 बिलियन डॉलर हो गया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्तों को दर्शाता है। यह वार्ता दोनों देशों के लिए जरूरी है, क्योंकि यह न केवल बिजनेस रिलेशन को मजबूत करेगी, बल्कि ग्लोबल ट्रेड में उनकी स्थिति को भी बेहतर बनाएगी। भारत और अमेरिका का टारगेट इस अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट को एक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) की दिशा में पहला कदम बनाना है। दोनों देश 2030 तक बाइलेटरल ट्रेड को दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का टारगेट रखते हैं।
अमेरिकी टीम ट्रेड-डील के लिए 25 अगस्त को भारत आएगी:दोनों देशों के बीच ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर छठे राउंड की चर्चा होगी
1