पंजाब की मोहाली अदालत ने चेक बाउंस के मामले में अरुणाचल प्रदेश के सागली से मौजूदा विधायक रायतु तेजी, उनकी पत्नी और दो अन्य सहयोगियों को दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही, साढ़े पांच करोड़ रुपए का मुआवजा एक महीने के भीतर अदा करने का आदेश दिया है। यह मामला करीब साढ़े चार साल तक चला। वकील ने इसे अपनी बहुत बड़ी जीत बताया है। विधायक की कंपनी से हुआ था एमओयू एडवोकेट तजिंदर सिंह ने बताया कि कुलविंदर सिंह की पंजाब में एक कंपनी है। कुलविंदर की कंपनी का विधायक कंपनी टीके इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड एक समझौता हुआ था। विधायक ने सड़क निर्माण का टेंडर लिया हुआ था। कुलविंदर की कंपनी की ओर से उन्हें निर्माण सामग्री मुहैया करवाई जानी थी, जिसमें स्टील, सीमेंट और बिटुमेन शामिल थे।0शुरुआत में विधायक की कंपनी समय पर भुगतान करती रही, लेकिन बाद में भुगतान में देरी होने लगी। 2018 में काम शुरू हुआ था, लेकिन 2020 में आकर समस्याएं शुरू हो गईं। फिर चैक बाउंस हो गए इसके बाद विधायक की तरफ से चेक के माध्यम से अदायगी की गई, लेकिन वह चेक बाउंस हो गए। इसके बाद यह मामला अदालत में ले जाया गया, जहां पर साढ़े चार साल तक केस चला। अंततः आज न्याय मिला है।
एडवोकेट ने कहा कि चेक बाउंस के मामलों को लोग मजाक समझते हैं, लेकिन यह एक गंभीर अपराध है। उन्होंने इस मामले में पूरी निष्ठा से पैरवी की थी। सजा से बचने के लिए दी कई दलीले पीड़ित के वकील ने बताया कि आरोपियों ने अदाल में नरमी बरतने के लिए कई दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कह वह सीनियर सिटीजन है। उनकी तरफ से पहली बार यह अपराध किया गया है। ऐसे में उन्हें इस चीज से राहत दी जाए।
अरूणाचल प्रदेश के विधाक को दो साल की सजा:चेक बाउंस से जुड़ा है मामला, साढ़े पांच करोड़ का मुआवजा देना होगा
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