राजस्थान में साल 2020 में सचिन पायलट गुट की बगावत से अशोक गहलोत की तत्कालीन सरकार को खतरे में डालने के लिए साजिश रचने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की फाइनल रिपोर्ट को राजस्थान हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है. हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर घटनाक्रम के वक्त उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने उन पर पलटवार किया है. लोकेश शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से की गई एक्सक्लूसिव बातचीत में सरकार के खतरे को लेकर सनसनीखेज और चौंकाने वाले दावे किए हैं.
लोकेश शर्मा ने ही घटनाक्रम के वक्त सचिन पायलट गुट की साजिश का आरोप लगाते हुए फोन कॉल की रिकॉर्डिंग मीडिया और सोशल मीडिया में सार्वजनिक की थी. लोकेश शर्मा का अब दावा है कि जून 2020 में जब यह घटनाक्रम शुरू हुआ, उस वक्त अशोक गहलोत की सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं था. तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बदनाम करने और उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए उस वक्त के सीएम अशोक गहलोत ने साजिश रची थी.
‘अशोक गहलोत ने रची थी बड़ी साजिश’
लोकेश शर्मा मुताबिक यह साजिश इसलिए रची गई थी ताकि सीएम का पद पूरे पांच साल तक के लिए सुरक्षित किया जा सके. पार्टी आलाकमान से लेकर सियासी गलियारे में उन्हें हमदर्दी हासिल हो सके. लोकेश शर्मा का दावा है कि उस वक्त पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर ज्यादातर विधायक सचिन पायलट को ही सीएम के तौर पर देखना चाहते थे. पार्टी नेतृत्व आने वाले दिनों में सीएम के तौर पर सचिन पायलट के नाम पर कभी विचार ना करे, इसलिए अशोक गहलोत ने बड़ी साजिश रची थी. इस साजिश में खुद उन्हें यानी ओएसडी लोकेश शर्मा को भी टूल्स की तरह इस्तेमाल किया गया था.
लोकेश शर्मा ने कहा, ”अशोक गहलोत ने उस वक्त उन्हें एक पेन ड्राइव और प्रेस नोट देकर अपनी सरकार को गिराए जाने की साजिश रचे जाने का एक ऑडियो देकर उसे मीडिया व सोशल मीडिया पर रिलीज करने को कहा था. बाद में अशोक गहलोत ने उनसे फोन कर पेन ड्राइव समेत दूसरे सबूत नष्ट करने को कहा था. अशोक गहलोत से इस बारे में फोन पर हुई बातचीत के रिकॉर्डिंग उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दिल्ली क्राइम ब्रांच में दर्ज कराए गए केस की जांच में एजेंसी को सौंपी है.”
‘अशोक गहलोत के दबाव में ही नोटिस किया गया था जारी’
लोकेश शर्मा का दावा है कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जब सचिन पायलट के करीबियों के खिलाफ सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने के मामले में दर्ज कराए गए राजद्रोह के केस में फाइनल रिपोर्ट लगानी चाहिए तो मामला एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दिया गया. सचिन पायलट को डिप्टी सीएम रहते हुए भी राजद्रोह के मामले में बयान दर्ज करने के लिए सीएम अशोक गहलोत के दबाव में ही नोटिस जारी किया गया था.
‘फूटी आंख भी देखना नहीं करते थे पसंद’
उन्होंने कहा, ”केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर एक ऑडियो इसलिए जानबूझकर उनके जरिए जारी कराया गया, ताकि यह प्रचारित किया जा सके कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट बीजेपी के बड़े नेताओं के इशारे पर अपनी ही सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं. इसके जरिए संदेश यह देना था कि पार्टी हाईकमान कभी भी सचिन पायलट को अशोक गहलोत के विकल्प के तौर पर ना देख सके.”
साल 2012 से पिछले साल लोकसभा चुनाव तक अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने ये भी दावा किया, “पूर्व सीएम अपने डिप्टी सीएम सचिन पायलट को फूटी आंख भी देखना पसंद नहीं करते थे. वह उन्हें अपना प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन समझते थे. उन्हें इस बात का डर सताता रहता था कि सचिन पायलट कभी भी उनकी जगह सीएम बन सकते हैं और उनकी कुर्सी जा सकती है.”
‘नहीं होने दिया विधायक दल की बैठक’
लोकेश शर्मा के मुताबिक सचिन पायलट के खिलाफ साजिश रच कर अशोक गहलोत ने पूरे पांच साल अपनी सरकार चला डाली. अगर वह सचिन पायलट के खिलाफ यह साजिश नहीं रचते तो राजस्थान की सियासी तस्वीर कुछ दूसरी ही होती. लोकेश शर्मा ने यह भी खुलासा किया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन की मौजूदगी में होने वाली विधायक दल की बैठक को अशोक गहलोत ने होने ही नहीं दिया. वह खुद जैसलमेर चले गए और अपने भरोसे के तकरीबन 75 विधायकों से इस्तीफे दिला दिए.
लोकेश शर्मा का दावा है कि अशोक गहलोत के कहने पर उन्होंने ही विधायकों के हवाले से मीडिया में यह बात प्रचारित कराई थी कि हाईकमान अगर सीएम बदलना चाहता है तो सचिन पायलट को छोड़कर किसी को भी कमान दे दी जाए. सचिन पायलट को सीएम घोषित करने पर सारे विधायक अपना इस्तीफा दे देंगे. विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी और मल्लिकार्जुन खरगे व अजय माकन को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था.
लोकेश शर्मा का दावा है कि सचिन पायलट के खिलाफ हुई साजिश में वह एक एक पल के गवाह रहे और टूल्स की तरह खुद भी इस्तेमाल हुए. अगर वह उस वक्त साजिश में शामिल होने और फरमान मानने से इंकार कर देते तो उनके साथ कुछ भी किया जा सकता था. सचिन पायलट के खिलाफ दुष्प्रचार करने, ऑडियो रिलीज करने जैसे काम उन्होंने मजबूरी में किए थे. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की राजस्थान में वापसी सचिन पायलट के नाम की वजह से हुई थी.
‘मेरे परिवार को भुगतना पड़ सकता है अंजाम’
लोकेश शर्मा ने कहा है कि अशोक गहलोत की साजिश का खुलासा करने पर उन्हें व उनके परिवार को कोई भी अंजाम भुगतना पड़ सकता है. उनका कहना है कि अगर उन्हें या उनके परिवार को कोई भी नुकसान होता है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अशोक गहलोत होंगे. उन्होंने पहले हर मामले में बचाने व मदद करने का भरोसा दिलाया था लेकिन कुर्सी से हटने के बाद वह उन्हें भूल गए. इसी वजह से गजेंद्र सिंह शेखावत केस में उन्होंने सरकारी गवाह बनने का फैसला किया.
लोकेश शर्मा का कहना है कि सचिन पायलट के खिलाफ हुई साजिश में शामिल होने का उन्हें पछतावा है. वह सचिन पायलट से मुलाकात कर उन्हें पूरी जानकारी देना चाहते हैं. हालांकि इस घटनाक्रम के बारे में सचिन पायलट को पूरी जानकारी है.
अशोक गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा का चौंकाने वाला दावा, ‘2020 में सचिन पायलट को बदनाम…’
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