जनता दल-सेक्युलर (JDS) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना कई अप्रत्याशित घटनाक्रमों के केंद्र में रहा है. इनमें अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव की चर्चा के बीच कर्नाटक के हासन जिले में उसके कथित सेक्स वीडियो वाली बड़ी संख्या में पेन ड्राइव सामने आने से लेकर 31 मई, 2024 को जर्मनी से लौटने पर सभी महिला सदस्यों वाले एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से गिरफ्तारी शामिल है.
पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शनिवार (2 अगस्त, 2025) को उसके विरुद्ध दर्ज मामलों में से एक में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यह उन घटनाओं की परिणति थी, जिसने उसके महत्वाकांक्षी राजनीतिक करियर को पटरी से उतार दिया.
यह मामला 48 वर्षीय एक महिला के साथ बलात्कार से जुड़ा है, जो परिवार के हासन स्थित गन्निकाडा फार्म हाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी. महिला ने आरोप लगाया कि रेवन्ना ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया, एक बार फार्म हाउस में और फिर दूसरी बार 2021 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बेंगलुरु के बसवनगुडी स्थित अपने आवास पर.
रेवन्ना से जुड़े घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
अप्रैल 2024: सेक्स वीडियो सामने आए, जिससे पूरे देश में हंगामा मच गया. प्रज्वल रेवन्ना ने लीक के राजनीति से प्रेरित होने का दावा किया और कहा कि इसका उद्देश्य लोकसभा सीट जीतने की उसकी संभावनाओं को खत्म करना है.
20 अप्रैल, 2024: रेवन्ना के चुनाव एजेंट ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वीडियो चुनाव से पहले रेवन्ना की छवि धूमिल करने के लिए प्रसारित किए जा रहे हैं.
26 अप्रैल, 2024: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न; रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर देश से रवाना हुआ.
27 अप्रैल, 2024: कर्नाटक सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया.
28 अप्रैल, 2024: रेवन्ना और उसके पिता, पूर्व मंत्री एच. डी. रेवन्ना पर उनकी पूर्व घरेलू सहायिका की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया.
29 अप्रैल, 2024: शिकायतकर्ता लापता हुई, उसे कथित तौर पर रेवन्ना के माता-पिता ने रेवन्ना के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए अपहृत कर लिया.
30 अप्रैल, 2024: जेडी (एस) ने रेवन्ना को पार्टी से निलंबित किया.
2 मई, 2024: कर्नाटक पुलिस ने रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया और ‘फरार’ सांसद के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया.
4 मई, 2024: अपहृत पूर्व घरेलू सहायिका को एसआईटी ने छुड़ाया.
30 मई, 2024: रेवन्ना जर्मनी के फ्रैंकफर्ट मुख्य हवाई अड्डे से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरता है.
31 मई, 2024: रेवन्ना के पहुंचने पर एसआईटी की ओर से उसे रोका गया और गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उसे हिरासत में भेज दिया गया.
26 जून, 2024: जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए गठित सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत का रेवन्ना को जमानत देने से इनकार.
5 जुलाई, 2024: रेवन्ना ने जमानत के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया.
23 अगस्त, 2024: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल किया.
9 सितंबर, 2024: विशेष जांच दल (SIT) ने 1,632 पृष्ठों का दूसरा आरोपपत्र दाखिल किया.
21 अक्टूबर, 2024: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार के दो मामलों और यौन उत्पीड़न के एक मामले में रेवन्ना को नियमित और अग्रिम जमानत देने से इनकार किया.
2 नवंबर, 2024: कथित बलात्कार पीड़िता के अंडर गार्मेंट्स पर रेवन्ना का डीएनए पाया गया.
11 नवंबर, 2024: उच्चतम न्यायालय ने रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज की.
16 जनवरी, 2025: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में सभी डिजिटल साक्ष्यों की मुद्रित प्रति देने के रेवन्ना के अनुरोध को अस्वीकार किया.
1 मई, 2025: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना की और से दायर एक याचिका खारिज की, जिसमें नए वकील की नियुक्ति के लिए और समय मांगा गया था.
2 मई, 2025: पूर्व घरेलू सहायिका की ओर से दायर बलात्कार मामले में सांसदों और विधायकों के लिए विशेष अदालत में मुकदमा शुरू हुआ.
18 जुलाई, 2025: मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई; अदालत ने अपना फैसला 30 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया.
30 जुलाई, 2025: विशेष अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा और मामले की सुनवाई 1 अगस्त के लिए स्थगित कर दी.
1 अगस्त, 2025: विशेष अदालत ने रेवन्ना को बलात्कार का दोषी ठहराया; सजा अगले दिन सुनाना निर्धारित किया गया.
2 अगस्त, 2025: विशेष अदालत ने रेवन्ना को बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई.
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