असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर कह दी ये बड़ी बात

by Carbonmedia
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Asaduddin Owaisi Letter to ECI: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार (29 जून) को भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) को एक पत्र लिखा. इस पत्र में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) पर आपत्ति जताई है.
निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में ओवैसी ने कहा, “बिहार की मतदाता सूची में पहले ही विशेष गहन पुनरीक्षण हो चुका है, जिसमें तेजी से हो रहे शहरीकरण, लगातार हो रहे पलायन, मौतों की सूचना न देने और मतदाता सूची में विदेशी अवैध प्रवासियों के नाम शामिल करने जैसे मुद्दों पर विचार किया गया है और अब SIR को उचित ठहराने के लिए इन्हीं कारणों का हवाला दिया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “आयोग की ओर से अन्य सभी राज्यों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पिछले अवसरों पर किए गए विशेष गहन संशोधन में इन सभी मुद्दों को शामिल किया गया है.”
ओवैसी ने 2003 में किए गए पुनरीक्षण का किया जिक्र
बिहार में 2003 में किए गए गहन पुनरीक्षण का उल्लेख करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “यह 2004 के लोकसभा चुनावों और 2005 के बिहार विधानसभा चुनावों से काफी पहले हुआ था, जिससे मतदाताओं को नाम जोड़ने या हटाने के लिए कानूनी उपाय करने के वास्ते उचित समय मिला था.”
SIR का राज्य भर के वोटरों पर पड़ेगा हानिकारक असर- ओवैसी
उन्होंने 28 जून को लिखे पत्र में कहा, ‘इस उदाहरण के साथ, हम बिहार में एसआईआर के निर्देश देने संबंधी आयोग के आदेश पर अपनी पहली और सबसे बड़ी आपत्ति दर्ज कराना चाहते हैं, आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के निकट होने के कारण एसआईआर का राज्य भर के मतदाताओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा.’
ओवैसी ने कहा, “निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO)/अतिरिक्त निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AERO) को प्रस्तावित मतदाताओं की पात्रता पर न केवल आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न करने के लिए, बल्कि किसी भी अन्य कारण से संदेह करने का अधिकार है.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने निर्वाचन आयोग से एसआईआर लागू करने का तर्क स्पष्ट करने और AIMIM समेत विपक्षी दलों को सुनवाई का अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया, ताकि वे अपनी चिंताओं से आयोग को अवगत करा सकें.
यह भी पढे़ंः कोलकाता दुष्कर्म मामले पर BJP का बड़ा आरोप, कहा- ‘पुलिस मिटा रही सबूत’

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