असम के डिब्रूगढ़ जिले के मोरान इलाके के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 (NH-37) का 4 किलोमीटर लंबा हिस्सा अब भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स जैसे सुखोई और राफेल की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए तैयार किया जा रहा है. यह विशेष सुविधा अक्टूबर माह से शुरू होने की संभावना है. मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज इस इमरजेंसी लैंडिंग सुविधा स्थल का दौरा किया और जिला प्रशासन, भारतीय वायुसेना और NHIDCL के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने खुद X पर पोस्ट करके ये जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘अक्टूबर तक असम के राजमार्ग पर तैयार की जा रही 4 किमी लंबी आपातकालीन लैंडिंग पट्टी पर Rafale और Su-30 जैसे लड़ाकू विमान आपातकालीन लैंडिंग कर सकेंगे. भारतीय सेना पूर्वोत्तर सीमा पर हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
असम में दो स्थानों में होगी ये सुविधामुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निर्माण कार्य की प्रगति और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया. राज्य सरकार ने बताया कि असम में दो अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार की इमरजेंसी लैंडिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इनमें एक बकरा-थीहू (Barama-Thihu) राजमार्ग पर और दूसरी होजाई जिले के शंकरपुर क्षेत्र में बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम है, बल्कि आपदा की स्थिति में भी बड़ी मददगार साबित होगी. इससे पूर्वोत्तर भारत की रणनीतिक मजबूती और अधिक सुदृढ़ होगी.’
सरकार की रणनीति का हिस्सा
राष्ट्रीय राजमार्गों पर इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप्स का निर्माण केंद्र सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत युद्ध या आपदा की स्थिति में लड़ाकू विमानों को सड़क पर भी उतारा जा सके. इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर देश के कई हिस्सों में लड़ाकू विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा विकसित कर रहा है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देश के कई हिस्सों में ऐसी लैंडिंग स्ट्रिप्स बना रहे हैं. यह पहल न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आपदा प्रबंधन में भी मददगार होगी. असम में बन रही इन सुविधाओं से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी.रिपोर्ट- ऋतुराज
असम के इस हाइवे पर भी लैंडिंग कर सकेंगे फाइटर जेट्स, CM हिमंत सरमा ने लिया जायजा
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