भास्कर न्यूज | अमृतसर जीएनडीएच ने 13 साल के बच्चे की दुर्लभ जन्मजात दिल की बीमारी का सफल ऑपरेशन किया। यह बीमारी 10 लाख बच्चों में से किसी एक को ही होती है। सफल ऑपरेशन के बाद जीएनडीएच उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल बन गया । इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में अमृतसर की डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एक बच्चे में अत्यंत दुर्लभ हृदय रोग साइनस वेनोसस एएसडी की पहचान हुई, जो पार्शियल एनॉमलस पल्मोनरी वेन कनेक्शन से जुड़ा होता है। डीसी ने बताया कि डॉ. परविंदर सिंह की अगुवाई में गुरु नानक देव अस्पताल के हृदय रोग विभाग ने इस सर्जरी को बिना कार्डियो-पल्मोनरी बायपास के सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इसके इलाज के लिए जटिल सर्जरी की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से काफी चुनौतीपूर्ण होती है और आम तौर पर इसमें एसए नोडल डिसफंक्शन तथा रिसाव जैसी जटिलताएं आ सकती हैं। मगर अस्पताल के स्पेशलिस्ट की टीम ने इस सर्जरी को पूरी सफलता के साथ संपन्न किया। डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि इस सर्जरी के लिए रेडक्रॉस की सहायता से ढाई लाख की राशि प्रदान की गई, ताकि बच्चे का इलाज बिना किसी वित्तीय रुकावट के हो सके। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर बच्चे से मुलाकात की और उसे स्वस्थ देखकर प्रसन्नता जाहिर की। इस अवसर पर विधायक डॉ. अजय गुप्ता ने कहा कि यह अमृतसर ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब और उत्तर भारत के लिए गर्व का क्षण है कि एक सरकारी अस्पताल ने ऐसी अनोखी और जीवन रक्षक सर्जरी को अंजाम दिया। डॉ. गुप्ता ने डॉ. परविंदर सिंह, प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगन, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आईपीएस ग्रोवर और समस्त नर्सिंग स्टाफ का आभार जताया और कहा कि इस बच्चे की जिंदगी आप सबकी मेहनत से बच पाई है। यह सफलता गुरु नानक देव अस्पताल के समर्पित डॉक्टरों, प्रशासनिक अधिकारियों और रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं के सहयोग का प्रतिफल है, जो आने वाले समय में और कई जिंदगियों को बचाने के लिए प्रेरणा बनेगा, जो सराहणीय है।
अस्पताल की स्पेशलिस्ट टीम ने बिना कार्डियो-पल्मोनरी बायपास के की सर्जरी : डीसी साक्षी साहनी
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