आखिरी चरण में पहुंचा बिहार में जारी SIR, 90% वोटर्स ने भर दिए फॉर्म, 35 लाख से ज्यादा लोग गायब, जानिए चुनाव आयोग का पूरा आंकड़ा

by Carbonmedia
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बिहार में जारी वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक गुरुवार (17 जुलाई 2025) शाम तक 89.7 फीसदी (7.08 करोड़) लोगों ने मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म दे दिया है. हालांकि अभी भी करीब 45 लाख 42 हजार 247 यानी 5.8 फीसदी मतदाता बाकी हैं.
35 लाख से ज्यादा लोग पते पर नहीं मिले
बिहार में चुनाव आयोग ने पाया है कि 5 लाख 76 हजार 479 मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में शामिल हैं और 12 लाख 55 हजार 620 मतदाताओं की संभवतः मृत्यु हो चुकी है. आधिकारिक आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि बूथ स्तर के अधिकारियों की ओर से घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण के दौरान लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 35 लाख 69 हजार 435 मतदाता अपने पते पर नहीं पाये गए.
17 लाख से ज्यादा लोगों ने बदल लिया आवास
आंकड़ों के अनुसार, 17 लाख 37 हजार 336 मतदाता संभवतः स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर चले गए हैं. निर्वाचन आयोग ने रेखांकित किया कि आने वाले दिनों में इन आंकड़ों में बदलाव देखने को मिलेगा.
बिहार से बाहर गए लोगों की जानकारी जुटा रहा चुनाव आयोग
आयोग ने 14 जुलाई को कहा था कि बिहार के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 6.60 करोड़ से अधिक या 83.66 प्रतिशत के नाम एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के मसौदे में शामिल किए जाएंगे. इस लिस्ट में वे सभी मतदाता शामिल होंगे, जिनके फॉर्म समय सीमा तक प्राप्त हो गए हैं. चुनाव आयोग के अनुसार जो अस्थायी रूप से राज्य से बाहर हैं उन्हें संपर्क कर सूचित किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समय पर अपने गणना फॉर्म (ईएफ) भर सकें और उनका नाम मसौदा सूची में भी शामिल हो जाए.
जो मतदाता पते पर नहीं मिले उसके लिए ECI का प्लान

जो मतदाता बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के तीन दौरों के बाद भी अपने पते पर नहीं मिले हैं, उनके पुनः सत्यापन के लिए ऐसे व्यक्तियों की जानकारी राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों के साथ साझा की जा रही है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे मतदाताओं की वास्तविक स्थिति की पुष्टि की जा सके. इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका संभवतः निधन हो चुका है या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या फिर जिन्होंने एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में अपना शामिल करा रखा है.
तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप
इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 35 लाख से ज्यादा मतदाताओं के अपने पंजीकृत पतों पर नहीं मिलने के निर्वाचन आयोग के दावे को खारिज किया. उन्होंने दावा किया, “हमें जानकारी मिली है कि आयोग को सत्तारूढ़ दल से 15 प्रतिशत तक मतदाताओं के नाम हटाने के निर्देश मिल रहे हैं. हम पुनरीक्षण का विरोध कर रहे हैं लेकिन निर्वाचन आयोग अपने दुष्प्रचार के जरिए बिहार में जो हासिल करने की कोशिश कर रहा है, वह खतरनाक है.”
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