उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के नए चरण की घोषणा की है. कहा गया है कि आतंकवादियों द्वारा की गई हत्याओं के सभी मामलों को फिर से खोला जाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए नई एफआईआर दर्ज की जाएगी.
इसके अलावा, हत्याओं, जमीन और संपत्तियों को जबरन हड़पने और सरकारी कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे आतंकवाद समर्थकों को बर्खास्त करने के सभी मामलों की जांच की जाएगी. यह फैसला आज यानि मंगलवार (1 जुलाई, 2025) को राजभवन में एलजी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें सभी उच्च रैंकिंग वाले सिविल और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया.
आतंकी हमलों के शिकार लोगों को लेकर हाई लेवल बैठक
बैठक के बाद एलजी मनोज सिन्हा ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी देते हुए कहा, “पीड़ित परिवारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिनके परिजनों को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने बेरहमी से मार डाला. डीसी और एसएसपी को उन मामलों को फिर से खोलने का निर्देश दिया,जो जानबूझकर दबा दिए गए थे और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. प्राथमिकता के आधार पर परिजनों को नौकरी प्रदान करना सुनिश्चित किया गया.”
डीसी और एसएसपी को दिए सख्त निर्देश
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जंग सिर्फ आतंकी हत्याओं के मामलों में एफआईआर दर्ज करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें आतंक के समर्थकों और आतंक पीड़ितों की जमीन और संपत्ति हड़पने वालों के अलावा सरकारी विभागों में काम करने वालों को भी शामिल किया गया है. डीसी और एसएसपी को आतंक पीड़ित परिवारों की संपत्ति और जमीन को आतंकवादियों या उनके समर्थकों द्वारा हड़पी गई जमीन को मुक्त कराना होगा. मैंने अधिकारियों को आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र से उन तत्वों की पहचान करने का निर्देश दिया है, जो आम कश्मीरियों की हत्या में शामिल थे और वर्तमान में सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं.”
आतंक पीड़ितों के लिए एलजी सचिवालय में बनेंगे विशेष प्रकोष्ठ
एलजी सिन्हा ने यह भी घोषणा की, कि सभी विभागों में विशेष प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे. नागरिक सचिवालय और मुख्य सचिव कार्यालय में एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया जाएगा, जो दशकों से उपेक्षा का सामना कर रहे आतंक पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रगति पर नजर रखेगा. एलजी सचिवालय में परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा.
एलजी मनोज सिन्हा ने घोषणा करते हुए कहा कि आतंक पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी और कई दशकों से खुलेआम घूम रहे सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.
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