आदित्य ठाकरे ने हिंदी विवाद को लेकर फडणवीस सरकार को घेरा, ‘किसी भाषा को जबरन थोपना…’

by Carbonmedia
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Aaditya Thackeray On Minister Dada Bhuse: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने एक बार इस मुद्दे पर महायुति सरकार को घेरा है. उन्होंने स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी भी भाषा को जबरन थोपा जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र में मंत्री दादा भुसे सिर्फ़ एक जी.आर. के माध्यम से इस बड़े मुद्दे से निपटने की कोशिश की. हमारा यही मानना है कि छात्रों पर भी विचार किया जाना चाहिए. इस पर विचार विमर्श हो लेकिन किसी भी भाषा की सख्ती को स्वीकार नहीं करेंगे.” 

Mumbai, Maharashtra: Shiv Sena (UBT) leader Aaditya Thackeray says, “In Maharashtra, Minister Dada Bhuse is trying to address this major issue just through a GR. We believe that students’ views must also be considered and proper discussion should happen… The question is — can a… pic.twitter.com/yNBnFSPVUN
— IANS (@ians_india) June 29, 2025

क्या हिंदी को जबरन थोपना जरूरी है-आदित्य ठाकरे
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ”क्या पहली क्लास का छात्र असल में तीन भाषा सीख सकता है? क्या हिंदी को जबरन थोपना ज़रूरी है? और उन्होंने कहा है कि 20 अलग-अलग भाषाएं हैं, उन्हें कोई भी सीख सकता है. अगर आप जीआर ठीक से पढ़ें तो उसी में लिखा है कि 20 विद्यार्थी अगर साथ में आए और मांग करे कि हमें ये भाषा नहीं कोई और भाषा चाहिए तो हम भाषा बदल देंगे. ये कैसी बातें हैं? 
उन्होंने आगे कहा, ”क्या ये राजनीति है कि 20 विधायक साथ में आए और कहे कि हमें पार्टी बदलनी है, हम चुनाव आयोग के पास जाते हैं, आप चिह्न दे दीजिए, पार्टी का नाम दे दीजिए. जो बीजेपी करती आई है वो छात्र नहीं कर पाएंगे.” 
किसी भाषा को जबरन थोपना हमें बर्दाश्त नहीं- आदित्य
आदित्य ठाकरे ने कहा, ”दूसरी बात उन्होंने ये कहा है कि अगर 20 से कम विद्यार्थी हो तो ऑनलाइन पढ़ाएंगे. कैसे ऑनलाइन पढ़ाओगे, जिस स्कूल में बिजली नहीं है, जिसमें अलग-अलग क्लासरूम नहीं हैं तो उनको आप क्या ऑनलाइन पढ़ाएंगे. यही बात हम कहते आए हैं कि किसी की भी भाषा हो, कोई भी भाषा हो उसकी सख्ती हम सहेंगे नहीं.” 
‘पांचवी क्लास से कोई तीसरी भाषा ला सकते हैं’
अगर तीसरी भाषा या विषय कोई लाना हो तो पांचवीं क्लास से लाइए और वो भी जबरन थोपा न जाए. वह ऐच्छिक हो, च्वाइस के हिसाब से हो. महाराष्ट्र में मराठी और अंग्रेजी इसी को प्रमुखता देना जरूरी है. हिंदी, फ्रेंच, स्पेनिश हो या फिजिकल जैसे-क्रिकेट, फुटबॉल हो ये सारी चीजें पांचवीं क्लास से ले सकते हैं.”
 

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