भास्कर न्यूज| लुधियाना हलका वेस्ट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर शनिवार को भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। भाजपा ने इस सीट से जीवन गुप्ता को उतारा है। बता दें इस सीट पर अब आप से संजीव अरोड़ा, कांग्रेस से भारत भूषण आशू और शिअद से परोपकार सिंह घुम्मन चुनाव मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सांसद अरोड़ा काफी पहले से ही चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस के भारत भूषण आशू का हलके में दबदबा है। भाजपा की ओर से उम्मीदवार की घोषणा करने में काफी देर करने से पार्टी के सामने कई चुनौतियां आ गई है। सबसे बड़ी चुनौती समय की है। भाजपा प्रत्याशी को चुनाव की रणनीति बनाने और हर वोटर तक पहुंच बनाने में कम समय मिलेगा। आइए उम्मीदवारों के कमजोर व मजबूत पक्षों के बारे में आपको बताते हैं। ताकत: सीनियर एडवोकेट हैं। लुधियाना बार एसोसिएशन के प्रधान रह चुके हैं और अकाली दल में भी प्रधान रह चुके हैं। सुखीबर बादल दो बार उनके लिए वोट मांगने लुधियाना आ चुके हैं। कमजोर पक्ष: घुम्मन बेशक चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन संगठन की दृष्टि से कमजोर हैं। पार्टी बिखरी हुई है। सुखबीर जब लुधियाना मीटिंग करने आए थे, तो भी कई अकाली नेता मीटिंग में नहीं आए। उनकी पार्टी के कई नेता दूसरे दलों में जा चुके हैं। अकाली दल का आधार भी लुधियाना में खासा बड़ा नहीं है, ऐसे में उनके लिए कई चुनौतियां हैं। वेस्ट सीट पर पिछली बार उनकी पार्टी चौथे नंबर पर रही थी। अकाली दल के कुल वोट आम आदमी पार्टी के मुकाबले सिर्फ एक चौथाई थे। जिस तरह आप और कांग्रेस कैंडिडेट लगातार मीटिंगें कर रहे हैं, घुम्मन नहीं कर पा रहे। उनकी प्रचार टीम भी एग्रेसिव नहीं दिख रही। खुद अकाली दल के नेता कह रहे हैं कि घुम्मन के लिए ये चुनाव बेहद कठिन हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि घुम्मन को कैंडिडेट बनाने का फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि लोगों में ये संदेश न जाए कि पार्टी चुनाव लड़ने का हौसला छोड़ चुकी है।
आप उम्मीदवार अरोड़ा के लिए पार्टी-सरकार सब एकजुट, कांग्रेस के आशू की पहुंच गली-गली तक
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