आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आप सरकार के वक्त हुए तीन अलग-अलग घोटालों में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किए हैं. अस्पताल निर्माण, CCTV और शेल्टर होम घोटाले में ECIR दर्ज की गई है. जल्द ही आप के बड़े नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं.
अस्पताल निर्माण घोटाला (5,590 करोड़ रुपये) 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पताल बनाने का फैसला किया था. योजना के मुताबिक 6 महीने में ICU से लैस अस्पताल तैयार होने थे, लेकिन 3 साल बाद भी काम अधूरा है.अभी तक करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. LNJP अस्पताल की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1135 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. कई जगह बिना जरूरी मंजूरी के निर्माण हुआ और ठेकेदारों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है. HIMS नाम की डिजिटल हेल्थ सिस्टम योजना 2016 से अटकी पड़ी है, जिसे जानबूझकर लटकाया गया.
सीसीटीवी घोटाला (571 करोड़ रुपये) 2019 में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 1.4 लाख CCTV कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया था. इसका ठेका सरकारी कंपनी BEL को मिला. तय समय पर काम पूरा नहीं हुआ, जिस पर BEL पर 17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, लेकिन बाद में बिना कोई ठोस कारण बताए जुर्माना माफ कर दिया गया. आरोप है कि इसके बदले में सत्येंद्र जैन को ठेकेदारों के जरिए 7 करोड़ की रिश्वत दी गई.
DUSIB (शेल्टर होम) घोटाला (207 करोड़ रुपये) दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) से जुड़ी कई गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं. फर्जी FDR के जरिए 207 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई. पटेल नगर में 15 लाख रुपये की सड़क मरम्मत दिखाकर फर्जीवाड़ा किया गया. लॉकडाउन के दौरान हुए काम को लेकर भी झूठे कागज़ बनाए गए. 250 करोड़ रुपये के शेल्टर होम घोटाले में फर्जी कर्मचारियों के नाम पर सैलरी दिखाई गई और पैसे नेताओं तक कमीशन के तौर पर पहुंचाए गए.
CBI और ACB पहले से ही इन मामलों की जांच कर रही है. अब उन्हीं FIRs के आधार पर ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, जल्दी ही आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
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