महिलाओं में आयरन की कमी एक आम लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है. खासकर प्रजनन आयु की महिलाओं में यह कमी गंभीर रूप से एनीमिया जैसी स्थिति को जन्म देती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं और 37 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से जूझ रही है.
जब शरीर में दिखते हैं संकेत लेकिन जांच अधूरी रह जाती है
आयरन की कमी की शुरुआती अवस्था में लक्षण इतने हल्के होते हैं कि अक्सर महिलाएं इन्हें नजरअंदाज कर देती है या डॉक्टर भी उन्हें किसी सामान्य थकान या डिहाइड्रेशन से जोड़ देते हैं. ऐसे में कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सिर्फ खून में आयरन की मात्रा की जांच काफी नहीं होती है. वहीं कुछ डॉक्टर सिर्फ सीरम या आयरन ब्लड काउंट देखते हैं लेकिन शरीर में आयरन स्टोर करने वाले फेरिटिन की जांच भी बहुत जरूरी है. कई बार सिरम आयरन सामान्य होता है लेकिन फेरिटिन बहुत कम होता है जो थकान, चक्कर आना और हाथ पैर ठंडा रहने जैसे लक्षणों का कारण बनता है.
क्या होती है आयरन की कमी और इसका शरीर पर क्या पड़ता है असर शरीर को आयरन की जरूरत होती है ताकि वह हेल्दी रेड ब्लड सेल्स बना सकें. यह सेल्स हीमोग्लोबिन से भरपूर होती है जो शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है. जब आयरन की कमी होती है तो हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम हो जाता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होती है और व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है.
वे संकेत जो बताते हैं कि आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है
लगातार थकान और एनर्जी की कमी अगर कोई महिला हमेशा थका हुआ महसूस करती है, भले ही उसने पर्याप्त नींद ली हो तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह आयरन की कमी का अहम संकेत हो सकता है. इसलिए अक्सर इसे तनाव, नींद की कमी या काम के बोझ से जोड़ा जाता है लेकिन यह शरीर की चेतावनी भी हो सकती है.
चक्कर आना या सिर घूमनाआयरन की कमी से जब शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो ऑक्सीजन कोशिकाओं तक सही से नहीं पहुंच पाती है. इसके कारण खड़े होते ही चक्कर आना या चलते समय हल्का सिर घूमना आम हो जाता है. कई बार लोग इसे डिहाइड्रेशन समझकर नजरअंदाज कर देते हैं जबकि यह एनीमिया का लक्षण हो सकता है.
पैर में ठंडक महसूस होना गर्म मौसम में भी अगर आपके हाथ पैर ठंडे रहते हैं तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में आयरन की कमी है. आयरन की कमी रक्त संचार और शरीर के तापमान नियंत्रण को प्रभावित करती है. इसे अक्सर सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन का मामला मानकर छोड़ दिया जाता है. लेकिन असल में यह अंदरूनी कमजोरी का संकेत होता है.
क्या करें, कब जांच कराएंअगर अगर आपको भी बताए गए लक्षण में से कुछ महसूस होता है तो सिर्फ आयरन लेवल ही नहीं बल्कि फेरिटिन की जांच भी कराएं. यह शरीर में आयरन स्टोरेज का संकेतक होता है. डॉक्टर अक्सर इस जांच को नजरअंदाज कर देते हैं. जिससे सही डायग्नोसिस नहीं हो पाता है. वहीं आयरन की कमी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. खासकर महिलाओं के लिए जो पहले से ही हार्मोनल बदलाव और मासिक धर्म जैसी स्थितियों से गुजरती है. सही समय पर जांच और संतुलित आहार से इस स्थिति से बचा जा सकता है. इसलिए शरीर के संकेतों को समझ कर समय रहते इलाज कराएं.
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