अमृतसर | आयुर्वेद में बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का इलाज मौजूद है। आयुर्वेद के सीनियर प्रोफेसर डॉ. भूपेंद्र सिंह अरोड़ा ने बताया कि बच्चों की बुद्धि तेज करने के लिए उन्हें बचपन से ही जंक फूड से दूर रखना चाहिए। मोबाइल की आदत नहीं डालनी चाहिए। मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बच्चों का मानसिक विकास रुक जाता है। उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ता है। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि ब्राम्ही घी का सेवन बच्चों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने खुद ब्राम्ही घी बनाकर कई बच्चों का मानसिक विकास किया। इसके चमत्कारी परिणाम सामने आए। आयुर्वेद ग्रंथों में स्वर्ण प्रशान का उल्लेख है। इससे बच्चों की इम्युनिटी मजबूत होती है। ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी और हाइपर एक्टिविटी वाले बच्चों पर इसका अच्छा असर देखा गया है। चन्दन, बला और अश्वगंधा से बने आयुर्वेदिक तेल से बच्चों की मालिश करनी चाहिए। छोटे बच्चों को रोजाना दस घंटे की नींद जरूरी है। बचपन से ही उन्हें हरी सब्जियां और फल खिलाने चाहिए। बादाम रात को भिगोकर सुबह देना चाहिए।
आयुर्वेद में है बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का इलाज
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