भास्कर न्यूज | जालंधर हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 जून से चार जुलाई तक गुप्त नवरात्रि चलेंगी। आषाढ़ माह की नवरात्र इस बार नौ दिनों की होगी। विद्वानों के अनुसार, माता रानी के भक्त इस दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इन दिनों श्रद्धालु निराहार या फलादार रहकर मां दुर्गा की अराधना करेंगे। प्रतिपदा तिथि में घर व मंदिर में कलश स्थापना की जाएगी। शिव शक्ति मां बगलामुखी धाम के प्रधान व पंडित विजय शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्र में व्रत रखकर मां दुर्गा और मां काली की आराधना की जाती है। नवरात्रि में देवी के बीज मंत्र और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ हवन किया जाए तो वातावरण तो शुद्ध होता ही है, साथ ही साधकों के आत्मबल में भी वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि हिंदू कैलेंडर में साल में चार नवरात्र बताए गए हैं। इनमें नए साल की शुरुआत यानी चैत्र (मार्च-अप्रैल) में आने वाले नवरात्र को पहला और प्रकट नवरात्र कहा गया है। इसके बाद आषाढ़ (जून-जुलाई) में गुप्त नवरात्र, अश्विन (सितंबर-अक्टूबर) में शारदीय नवरात्र और अंत में माघ (जनवरी-फरवरी) में गुप्त नवरात्र होते हैं। {गुप्त नवरात्रि में मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। {इन दिनों में घर में कलेश, अपमान नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती। {नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। {नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते न पहने ।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज से… चार जुलाई तक होगी मां दुर्गा और मां काली की पूजा
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