गुजरात हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता कथावाचक आसाराम की अस्थायी जमानत गुरुवार (7 अगस्त) को 21 अगस्त तक बढ़ा दी. उसे गांधीनगर की एक कोर्ट ने 2013 के रेप मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति पी.एम. रावल की पीठ ने चिकित्सा आधार पर आसाराम की अस्थायी जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी. पीठ ने कहा कि आसाराम एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है.
हाई कोर्ट ने तीसरी बार अस्थायी जमानत दी
कोर्ट ने आसाराम को तीसरी बार अस्थायी जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 जुलाई को पारित आदेश का उल्लेख किया, जिसमें उसे मुख्य रूप से सेहत के आधार पर अस्थायी जमानत की मियाद बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट का रुख करने की छूट दी गई थी.
इंदौर के जुपिटर अस्पताल के आईसीयू में आसाराम
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता फिलहाल इंदौर के जुपिटर अस्पताल के आईसीयू में है और चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, उसमें ट्रोपोनिन का स्तर बहुत अधिक पाया गया है और इलाज कर रहे चिकित्सक का कहना है कि उसकी हालत गंभीर है. ऐसी परिस्थितियों में, इस आवेदन के लंबित रहने तक, पूर्व में दी गई अस्थायी जमानत उन्हीं शर्तों पर 21 अगस्त तक बढ़ाई जाती है.’’ इससे पहले कोर्ट ने उसे सात जुलाई तक अंतरिम राहत दी थी और फिर एक महीने के लिए यह राहत बढ़ा दी थी.
2023 में कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
गांधीनगर की एक कोर्ट ने जनवरी 2023 में आसाराम को रेप के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वह 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
आसाराम को राहत, गुजरात हाई कोर्ट ने अस्थायी जमानत 21 अगस्त तक बढ़ाई
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