ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच सरकार ने वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए मार्क-1ए की खरीद को हरी झंडी दे दी है. इस खरीद की कुल कीमत करीब 62 हजार करोड़ है. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने इस खरीद को मंजूरी दी.
एलसीए मार्क-1ए के निर्माण के लिए अमेरिका से एविएशन इंजन (एफ404) की सप्लाई बेहद सुस्त गति से चल रही है लेकिन सरकार ने फिर भी अतिरिक्त फाइटर जेट खरीद को मंजूरी दे दी है. वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से वायुसेना के लिए 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए का करार किया था. इस करार की कुल कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी. इन एलसीए लड़ाकू विमानों के लिए भारत ने अमेरिका की जीई कंपनी से 99 एफ-404 एविएशन इंजन का सौदा किया था.
इंजन सप्लाई में देरी का कारणपिछले डेढ़ साल से अमेरिका से इन एविएशन इंजन की सप्लाई एचएएल को ठीक प्रकार से नहीं हो पाई है. अभी तक महज दो इंजन की सप्लाई ही अमेरिका से हुई है. अमेरिका का दावा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने के चलते ऐसा हो रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने और अब टैरिफ वॉर (और ऑपरेशन सिंदूर) के चलते सप्लाई बेहद धीमी गति से हो रही है.
मार्च 2026 तक हो सकती है 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि मार्च 2026 तक कुल 12 इंजन की सप्लाई की जाएगी. एचएएल का दावा है कि इंजन सप्लाई दुरुस्त होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है. पिछले महीने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने खुद एएचएल की बेंगलुरू स्थित फैसिलिटी का दौरा कर एलसीए प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी. उस दौरान एचएएल ने छह मार्क-1ए वर्जन का स्टैटिक प्रदर्शनी किया था.
जानकारी के मुताबिक सीसीएस बैठक में वायुसेना के लिए छह अवैक्स (एयर बोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम) टोही विमानों को खरीदने की भी मंजूरी दी गई.
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