इंटरनेशनल क्रिकेट के इन नियमों पर होता है विवाद? ऋषभ पंत के चोटिल होने पर चर्चा में आया सब्स्टीट्यूट रूल

by Carbonmedia
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क्रिकेट दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है, जिसे दुनियाभर में करोड़ों लोग फॉलो करते हैं. इस खेल ने दुनिया को सचिन तेंदुलकर, डॉन ब्रैडमैन, विव रिचर्ड्स और विराट कोहली जैसे महान खिलाड़ी दिए हैं, लेकिन जबसे क्रिकेट का अस्तित्व सामने आया है, तभी से समय-समय पर कुछ नियमों को लेकर जमकर विवाद होता रहा है. फिलहाल ऋषभ पंत की चोट के कारण सब्स्टीट्यूट नियम चर्चा में आया है.
ICC का सब्स्टीट्यूट नियम कहता है कि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह सब्स्टीट्यूट के तौर पर दूसरे खिलाड़ी को मैदान में बुलाया तो जा सकता है, लेकिन वह बैटिंग या बॉलिंग नहीं कर सकता. बतौर सब्स्टीट्यूट आया खिलाड़ी केवल फील्डिंग कर सकता है, वहीं अगर अंपायर मंजूरी दें तो विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी संभाल सकता है. ऐसे में रिप्लेसमेंट और सब्स्टीट्यूट नियम को लेकर बवाल मचा है. मगर ऐसे कई अन्य नियम भी हैं, जिनपर अक्सर विवाद होता रहता है.
मानकडिंग/नॉन-स्ट्राइक रन आउट
मानकडिंग को अब नॉन स्ट्राइक रन आउट के नाम से जाना जाता है. यह नियम कहता है कि यदि कोई नॉन-स्ट्राइकर, गेंद फेंके जाने से पहले ही क्रीज से काफी आगे जा चुका है, ऐसे में बॉलिंग टीम उस नॉन स्ट्राइकिंग बल्लेबाज को रन आउट कर सकती है. इसे लेकर ICC की रूल बुक में अलग से नियम बनाया गया है, लेकिन बहुत बार मानकडिंग की घटनाओं को अनुचित कहकर उनकी आलोचना की जाती रही है.
DRS में अंपायर्स कॉल
क्रिकेट में DRS के आने से बल्लेबाजों को गलत आउट दिए जाने के फैसलों में भारी कमी दर्ज की गई है. मगर इस नियम से जुड़ा ‘अंपायर्स कॉल’ का पहलू अक्सर विवाद का कारण बना रहता है. मान लीजिए किसी बल्लेबाज के खिलाफ LBW की अपील हुई, लेकिन अंपायर ने उसे नॉट-आउट करार दिया. बॉलिंग टीम द्वारा लिए गए रिव्यू में पाया जाता है कि गेंद, स्टंप्स को हिट तो कर रही थी लेकिन गेंद का 50 प्रतिशत से कम भाग स्टंप्स से लग रहा था, ऐसी स्थिति में उसे अंतिम फैसला माना जाता है जो अंपायर ने DRS से पहले दिया था. कई बार DRS के सटीक होने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाते रहे हैं.
बाउंड्री कैच
बाउंड्री कैच नाम सुनने पर 2024 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल याद आ जाता है, जिसमें सूर्यकुमार यादव ने ऐतिहासिक कैच लपका था. मगर बिग बैश लीग में माइकल नेसर के कैच पर जमकर विवाद हुआ था, जिसके कारण ICC को बाउंड्री कैच नियमों में बदलाव करने पड़े. इस नए नियम के तहत कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर जाकर हवा में रहते हुए सिर्फ एक बार गेंद को छू सकता है. इसके बाद उसे मैदान के भीतर आकर कैच पूरा करना होगा. इस तरह के कैच अक्सर चर्चा में बने रहते हैं.
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